मानसिक शांति और डिप्रेशन से मुक्ति के धार्मिक सरल उपाय!

  • इस जबाब को पकड़कर आप अवसाद या डिप्रेशन से बाहर निकल सकते हैं।
  • जब शरीर में प्राणवायु नाभि तक न जाकर केवल छाती तक जाती है, तो कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा शरीर में बढ़ती चली जाती है।
  • अतः मन की शांति हेतु श्वांस नाभि से बाहर निकाले और अपने आप ही अंदर जाने देवें।
  • श्वांस लेते समय बहुत गहरी हो तथा वह नाभि तक जाए। यह अभ्यास एक महीने करके देखों डिप्रेशन भी मिटा जाएगा।
  • केवल !!ॐ शम्भूतेजसे नमःशिवाय!! मन्त्र शांति लाने के लिए सर्वश्रेष्ठ ओषधि है। जब यह जपते-जपते सिद्ध होकर अजपा हो जाता हैं।
  • शिवपुराण, शिव सहिंता, स्कन्ध रहस्य, ईश्वरोउपनिषद, कठोतोपनिषद आदि प्राचीन ग्रन्थों के अनुसार—
  • यह सब जानकारी शायद पहली बार ही पढ़ेंगे। इन उपायों को अपनाने से मेरे अनेक कष्ट, गरीबी दूर हुए।
  • इसमें कुछ सिद्ध उपाय सिद्ध महात्माओं, अवधूत-अघोरियों द्वारा बताए थे, उन अनुभवों को भी इस जबाब में जोड़ा गया है। यह ब्लॉग इस पवित्र भाव से आपको समर्पित है कि-

मैं अति दुर्बल, में मतिहीना।

जो कछु कीन्हा, शम्भू कीना।।

    • जाने दुर्लभ, रहस्यमयी उपाय—
  • !!ॐ शम्भूतेजसे नमःशिवाय!! मन्त्र की कब, कैसे, कितनी माला जपने से होंगे ये 13 लाभ-यह सब उपाय, जाप घर या किसी एकांत वन में स्थित जीर्ण-शीर्ण शिवालय में कर सकते हैं।
  1. ॐ शम्भूतेजसे नमःशिवाय मन्त्र के 27 दिन तक एक माला जाप से मन को महान शांति एवं एक तीर्थ या ज्योतिर्लिंग के दर्शन का फल मिलता है।
  2. 200 दिन तक नियमित राहु की तेल का दीपक जलाकर, दो माला जाप रोज करने से नेत्र रोग, वाणी दोष, कुटुम्ब का कलह, बटवारा, कोर्ट, मुकदमा एवं अविद्या विकार दूर होते हैं।
  3. अलसी के तेल के 3 दीपक 3 माला जप 33 दिन रोज करें, तो त्रिदोष शान्त होता है। पराक्रम बढ़ता है। रोग-बीमारी दूर होती हैं।
  4. 41 दिन लगातार 14 दीपक देशी घी के जलाकर 4 माला ॐ शम्भूतेजसे नमःशिवाय के जप से भूमि, वाहन, भवन की प्राप्ति होती है।
  5. मंदबुद्धि दिमागी कमजोरी से पीड़ित जातक या बालक को ज्ञानी बनाने के लिए 23 दिन तक लगातार, 23 दीपक तिल तेल में काली तिल, खड़ी उड़द डालकर पान के पत्ते पर रखकर जलाएं। इसके बाद 5 माला जाप लगातार करें, तो बुद्धि तेज होकर बच्चों की स्मरण शक्ति में वृद्धि होती है।
  6. प्रतिदिन 6 माला 27 दिन करने से रोग-शत्रु कुछ नहीं बिगाड़ पाते। मुकदमे में विजय होती है। कर्जे से मुक्ति मिलती है।
  7. मंगलदोष की शांति और विवाह बाधा दूर करने के लिए 28 दिन तक नियमित 17 दीपक राहु की तेल के जलाकर रोज सात माला ॐ शम्भूतेजसे नमःशिवाय मन्त्र की जपने से जल्दी विवाह योग बनता है। बेरोजगार को रोजगार प्राप्त होता है।
  8. 18 दिन तक आठ माला रोज जपने से मृत्यु योग टल जाता है। कोई विशेष रुका या बिगड़ा काम बनने लगता है।
  9. 90 दिन तक लगातार यदि 9 माला रोज जपें, तो माता-पिता, पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है। विशेष भाग्योदय होने लगता है।
  10. ज्योतिर्लिंग के साक्षात या स्वप्न में दर्शन होते हैं। जाप करते वक्त सम्भव हो, तो घर के बने मावे में पंचमेवा को सूखा पीसकर दोनों को मिलाकर एक बड़ा दीपक देशी का जलाएं। इस दीपक को पीपल के पत्ते का कमलदल बनाकर उसके ऊपर रखें।
  11. 101 दिन नियम से रोज निश्चित समय में 11 दीपक राहु की तेल के एवं 20 दीपक देशी घी के बरगद के पत्ते पर रखकर जलावें और दस माला पंचाक्षर मन्त्र ॐ नमःशिवाय के 27 दिन जाप से व्यापार, काम-धंधे में उन्नति, बरकत होने लगती है।
  12. ग्यारह माला रोज जपें, तो आय में विशेष बढ़ोत्तरी होने लगती है।
  13. 12 बारह दिनों तक 12 दीपक राहु की तेल के राहुकाल में बारह माला जपने से फालतू के खर्चे, बीमारियों में व्यय नहीं होते। कर्जा पट जाता है।
  14. 19 दिन लगातार तेरह माला 27 दिन जाप से मन का डर,भय, भ्रम, मानसिक विकार मिटने लगते हैं। भूत-बाधा, पीड़ित प्रेत शांत होते हैं।
  15. लाभ होने पर गुरुवार के दिन किसी शिवमन्दिर या घर में ही दूध-जल से रुद्राभिषेक कराकर श्रीसूक्त से हवन कराएं।
  16. जैसी मनोकामना हो, उतनी माला रोज प्रातःकाल अथवा राहुकाल में 27 दिन तक जरूर जपकर या ये उपाय करके देखें। यह प्रयोग जीवन बदलने और भाग्योदय में सहायक होगा।
      • पुराणों में एक दिन के भी बहुत से प्रयोगों का वर्णन मिलता है- ये चमत्कार भी अपनाकर देखें….
      • ◆ प्रातः सूर्योदय के समय प्रतिदिन एक माला पंचाक्षर मन्त्र का जप करके सूर्य के समक्ष जल पीने से पेट दर्द और सभी तरह उदर रोगों का नाश हो जाता है।

◆ भोजन ग्रहण करने से पहले ग्यारह बार ॐ शम्भूतेजसे नमःशिवाय मन्त्र के जप से भोजन भी अमृत के समान होकर शीघ्र पच जाता है।

◆ ज्योतिष से रोग निदान पुस्तक में वर्णन है कि-असाध्य रोग कैंसर, मधुमेह, बीपी हाई, श्वास की समस्या आदि से मुक्ति के लिए अपनी उम्र के अनुसार दीपक जलाकर, उतने ही माला का जाप शुक्रवा एवं मंगलवार को अवश्य करें।

जैसे किसी की उम्र 40 वर्ष है, तो 40 दीपक अमॄतम राहु की तेल के जलाकर 40 माला

!!ॐ शम्भूतेजसे नमःशिवाय!! मन्त्र की जपें।

  • किस-किसने जपा यह मन्त्र…भगवान परशुरामजी न ॐ शम्भूतेजसे नमः शिवाय मन्त्र का 11 करोड़ पुनश्चरण किया, तो भोलेनाथ ने उन्हें धनुष दिया, जिसे सीता स्वयंवर में राम ने तोड़ा था।
  • दैत्य गुरु शुक्राचार्य ने ॐ नमःशिवायमन्त्र के 11 करोड़ पुरुश्चरण किये, तो जीवित करने वाली संजीवनी विद्याका ज्ञान दिया था।
  • दशानन रावण ने 11 करोड़ !!ॐ शम्भूतेजसे नमःशिवाय!! मन्त्र का जप किया तो उन्हें आत्मलिंग और सोने की लंका प्रदान की।
  • गुरुद्रोणाचार्य ने शिव को अपना गुरु बनाकर ॐ नमःशिवाय पंचाक्षर का अजपा जप किया, तो वे युद्ध गुरु कहलाये।
  • गुड़गांव या गुरुग्राम में गुरुद्रोणाचार्य द्वारा स्थापित प्राचीन शिवालय दर्शनीय है।
  • धनुर्धर अर्जुन की भक्ति से प्रसन्न होकर भोलेनाथ ने इन्हें अर्जुन नाम दिया।

कर्ण भी परम गुरु एवं शिव भक्त थे। ॐ शम्भूतेजसे नमःशिवाय के अजपा जाप से आज भी वे दानवीर कर्ण के नाम से प्रसिद्ध हैं। करनाल का पुराना नाम कर्णपाल भी बताते हैं।

  • राजा कर्ण ने लगभग 108 स्वयम्भू शिवालय का जीर्णोद्धार कराया था। जिसमें करनाल हरियाणा, कोटा राजस्थान, कर्णावद निमाड़ मालवा मप्र, सिहावा धमतरी 36 गढ़ का कर्णेश्वर महादेव मंदिर सिद्ध प्रसिद्ध हैं।
  • उत्तरांचल में पांडुकेश्वर के पास हिम में स्थित कर्णेश्वर शिंवलिंग सभी चमत्कारी हैं। यह हेमकुंड साहिब के पास 5 km की दूरी पर पहाड़ों पर स्थित है।
  • गुरुगोविंद सिंह जी को यहीं पर पिछले जन्म के तपस्या स्थल का ज्ञान हुआ था। यह बात उन्होंने अपनी पोथी में भी लिखी है। ये पूर्व में शिवभक्त क्षत्री थे। सूर्य कृपा हेतु यह अदभुत हैं।
  • दुनिया में इस मंत्र को हर जाति-पाति के लोग इसे जपते हैं। 13 अखाड़ों में प्रमुख जूना नाग अखाड़े के साधुओं का यह गुरुमंत्र भी है।

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