Tag: आयुर्वेद

  • सिर में दर्द रहता है। क्या आप डिप्रेशन, डिमेंशिया, दिमागी परेशानी से भयभीत हैं, तो इस अध्यात्मिक ब्लॉग को पढ़िए!

    सिर में दर्द रहता है। क्या आप डिप्रेशन, डिमेंशिया, दिमागी परेशानी से भयभीत हैं, तो इस अध्यात्मिक ब्लॉग को पढ़िए!

     सिरदर्द के कारण याददाश्त कमजोर होती है?तन तन्त्र का सीधा असर मानव मस्तिष्क पर होता है। इस कारण दिमाग की नाड़ियां या सेल क्रियाहीन होकर शिथिल होने से तन-मन विचलित होने लगता है। याददाश्त कमजोर हो जाती है । आरोग्य प्रकाश और आयुर्वेदिय क्रिया शरीर पुस्तकानुसार सिर ही सारी बीमारियों की जड़ है। रोग कोई भी हो, सर्वप्रथम…

  • शरीर में फुर्ती लाने का सरल तरीका जाने |

    शरीर में फुर्ती लाने का सरल तरीका जाने |

    आयुर्वेद में वात पित्त कफ को संतुलित करके शरीर को पूर्णतः निरोग बनाया जा सकता है। अमृतम ने आयुर्वेद के 5000 वर्ष प्राचीन पांडुलिपियों, ग्रंथों से उपाय खोजकर संस्कृत के क्लिष्ट श्लोकों को सरल भाषा में अनुवाद कर Amrutam Life Style नामक पुस्तक में संकलित किया है। जिसका अध्ययन कर आप तंदुरुस्ती के अनेकों त्रिकोण से अवगत हो सकते हैं। शरीर…

  • कब्ज (कांस्टीपेशन) कैसे मिटाएं। जाने घरेलू देशी इलाज ||

    कब्ज (कांस्टीपेशन) कैसे मिटाएं। जाने घरेलू देशी इलाज ||

    आयुर्वेदिक इलाज़ पूरी तरह प्राकृतिक है जिसका आपके शरीर पर कोई बुरा असर नहीं पड़ता। इसके कोइवसाइद इफेक्ट नहीं होते। आयुर्वेद में आपको उन सभी रोग ठीक हो जाते हैं। जिनकी चिकित्सा एलॉपथी में भी नहीं है| जैसे: गर्दा यानि किडनी की खराबी के लिए एलॉपथी में डायलिसिस जैसी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है, जो कि…

  • आयुर्वेद में ही आर्थराइटिस का शर्तिया इलाज है! अश्वगंधा, शिलाजीत, शतवारी, निर्गुंडी एवम गूगल आदि नाड़ियों को मुलायम कर नवीन रक्त रस का निर्माण करती हैं ||

    आयुर्वेद में ही आर्थराइटिस का शर्तिया इलाज है! अश्वगंधा, शिलाजीत, शतवारी, निर्गुंडी एवम गूगल आदि नाड़ियों को मुलायम कर नवीन रक्त रस का निर्माण करती हैं ||

    इस शोध (रिसर्च) लेख को पढ़कर अप वातरोग यानि आर्थराइटिस को समझकर, निजात औरनिदान निकाल सकते हैं। वात विकार से दुनिया में मचा है -हाहाकार… आने वाले समय में 50 फीसदी से भी ज्यादालोग चलने फिरने में असमर्थ होंगे। क्योंकि लाइफ स्टाइल बिगड़ने से व्यक्ति भयंकर वात व्याधि से पीड़ित हो जायेगा। यह सब समस्या की वजह होगी, प्राणवायुका…

  • आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति रोगों का नाश कर मानसिक शांति, तसल्ली भी प्रदान करती है…

    आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति रोगों का नाश कर मानसिक शांति, तसल्ली भी प्रदान करती है…

    आयुर्वेदिक चिकित्सा की लोकप्रियता देश में ही नहीं, विदेशों में भी बढ़ रही है। आज आयुर्वेदिक दवाओं के प्रति जन साधारण में विश्वास दिनों दिन बढ़ रहा है। आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति एक संपूर्ण चिकित्सा पद्धति कही जा सकती है। आयुर्वेद में फूल, पत्ती, वृक्षों तथा स्पर्श तक की चिकित्सा के उपाय सुझाये गये हैं। आयुर्वेद…

  • आयुर्वेद में हैं रोग परीक्षा के ५००० साल पुराने सूत्र!

    आयुर्वेद में हैं रोग परीक्षा के ५००० साल पुराने सूत्र!

     त्रिविधि रोग परीक्षा चरक ने तीन प्रकार से रोगों की परीक्षा करने का निर्देश किया है-प्राप्तोपदेश, प्रत्यक्ष तथा अनुमान। जिन्होंने पदार्थों के ज्ञातव्य विषयों का साक्षात्कार किया है, उनको प्राप्त (यथा ऋषि) कहते हैं उनके द्वारा रचित ग्रन्थ या वचन को प्राप्तोपदेश कहा जाता है। प्रत्येक विषय में पहले इसी प्रमाण के द्वारा ज्ञान प्राप्त…

  • आयुर्वेद में पथ्य अपथ्य का पालन कर अनेक रोगों से छुटकारा पा सकते हैं!

    आयुर्वेद में पथ्य अपथ्य का पालन कर अनेक रोगों से छुटकारा पा सकते हैं!

    मधुमेह यानि डायबिटीज से भारत के लगभग ७० फीसदी लोग प्रभावित और पीड़ित हैं। लोग चाहें, तो आयुर्वेद के अनुसार कुछ परहेज करके इस महामारी से हमेशा के लिए मुक्ति पा सकते हैं। हितकारी चीज यानि पथ्य-मक्खन, पनीर, घी, और मूंग आदि की दाल (थोडी), गोभी, टमाटो, ककडी आदि बहुत थोडे हरे शाक तथा चेस्टनट…

  • मोटापा, मेदरोग, चर्बी कम करने के आयुर्वेदिक सूत्र…

    मोटापा, मेदरोग, चर्बी कम करने के आयुर्वेदिक सूत्र…

    भैषज्यरत्नावलीनामकभेषजग्रन्थस्य मेदोरोगाधिकारस्य आयुर्वेद के एक प्राचीन ग्रंथ योग रत्नाकर में स्थौल्य रोग यानि मोटापा मिटाने के पथ्य यानि परहेज की चर्चा गुमफिट है – (यो. र.) पुराणशालयो मुद्गकुलत्थयवकोद्रवाः। लेखना बस्तयश्चैव सेव्या मेदस्विना सदा॥६३॥ अर्थात मेदोरोग में पुराना शालिचावल, मूँग की दाल, कुलत्य, जौ, कोदो तथा लेखनबस्ति का प्रयोग हितकर या लाभदायक है।  मेदोरोग में पथ्य….…

  • आयुर्वेद के अनुसार बाजीकरण क्या है…

    आयुर्वेद के अनुसार बाजीकरण क्या है…

    वाजीकरण की आवश्यकता क्यों है -पुरुषों को चिन्तया जरया शुक्रं व्याधिभिः कर्मकर्षणात्। क्षयं गच्छत्यनशनात् स्त्रीणां चातिनिषेवणात् ॥१॥ अर्थात अनेक प्रकार की चिन्ता से, वृद्धावस्था के कारण, रोग से, व्यायामादिकर्म से अथवा पञ्चकर्म के हीन या अतियोग से अधिक दिनों तक भूखे रहने से, स्त्रियों के साथ अति सम्भोग करने से और अधिक मात्रा में शुक्र…

  • जहरीले नागों से डर मिटायें…

    जहरीले नागों से डर मिटायें…

    आयुर्वेद में नाग काटने का इलाज अनेक ग्रन्थों में अपने अनुभव के आधार पर आयुर्वेदाचार्य ने बताए हैं। ऐसा ही एक साधारण सरल उपाय से नाग, बिच्छू कभी घर में घुसते ही नही हैं। आस्तिक मुनिश्वराय नमःशिवाय!! यह मन्त्र किसी कागज या कपड़े पर केशर युक्त हल्दी से लिखकर अपने मुख्य दरवाजे पर टांग देंवें।…