Tag: दुनिया
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दुनिया का पूज्यनीय मन्त्र !!
दुनिया का पूज्यनीय मन्त्र यह सूत्र मुण्डकोपनिषद, ३/१/६ से लिया गया है। पूरा इस प्रकार है- अमृतमपत्रिका सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था वित तो देवयानः। येनाक्रमन्त्यषयो ह्याप्तकामा’ यत्र तत्सत्यस्य परमं निधानम् । अर्थात जय सत्य की होती है, असत्य की नहीं। सत्य ही देव तक ले जाने वाला एक मात्र मार्ग है, सत्य से निर्मित…
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भूमिहीन, भवन रहित या जिनके मकान, घर न हो उनके लिए विशेष दुर्लभ जानकारी.
दुनिया में जो भी व्यक्ति या परिवार अपना स्वयं का घर या मकान बनाना चाहता हो, इसके अलावा अगर कोई व्यक्ति के मकान में कानूनी उलझने हों, जिनका मकान न हो वह व्यक्ति मंगल दायिनी मां के इस स्तोत्र का रोज एक से ९ माला जाप करके अपनी पितृमत्रुकाओं को अर्पित करें। मंत्र जप करने…
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दुनिया के सबसे बड़े रहस्य —–
दाढ़ी वाले के रहस्य साड़ी के रहस्य नाड़ी के रहस्य काढ़ी के रहस्य ताड़ी के रहस्य खाड़ी के रहस्य अनाड़ी और कुलाड़ी के रहस्य गाड़ी के रहस्य कबाड़ी के रहस्य एवं खलाड़ी के रहस्य दाढ़ी वाले ज्यादातर संत महात्मा होते हैं इनमें कौन संत है कौन असंत या कुकर्मी है इस रहस्य को जान पाना…
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प्याज के 41 फायदे क्या हैं?
भारत वह देश है जहां प्याज-लहसुन खाने से पाप लगता, लेकिन बेईमानी, छल-कपट, भृष्टाचार करने से पाप नहीं लगता। !!पलाण्डु रक्षति, पल रक्षणे!! प्याज अनेक रोगों से रक्षा करता है। 18 पुराणों में से एक गरुड़पुराण में प्याज का पलाण्डुगुटिका के नाम से पूरा एक अध्याय है। इसे भगवान के नैवेद्य में कभी अर्पित नहीं करते हैं…
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5 तरह के महत्वपूर्ण शिवलिंगों का संसार….
1100 से ज्यादा शिवलिंगों की जानकारी अमृतम मासिक पत्रिका फरवरी 2008 से साभार…. आदि-अनादि काल से महादेव अनेकों नामों से और शिंवलिंग रूप में पूजे जाते हैं। शिवपुराण के दशम अध्याय में 5/पांच प्रकार के शिवलिंगों का वर्णन है। शिवलिंगों का क्रम….. शिवपुराण और लिंग पुराण में सूक्ष्म और स्थूल दो तरह के शिंवलिंग बताए हैं-…
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जाने हम विष को पीकर उसके आनन्द में क्यो डूब जाते है,….
|| अमृतम || हर पल आपके साथ है हम हम प्रयासपूर्वक विष को त्यागे प्रश्न उपस्थित होता है कि क्या विष को त्यागने में प्रयास करना पडता है? हाँ, इस संसार की बडी अद्भुत गति है। विष को त्यागने में प्रयास तो अति साधारण स्तर है, विष को त्यागने में बडे-बडे, सन्त, महात्मा, योगी, ऋषि,…
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15 मई विश्व परिवार दिवस…
भारत के वेदमन्त्रों की ऋचाओं में सूक्ति-स्तुतियों में कहा गया हैं कि सम्पूर्ण विश्व ही हमारा परिवार है। चराचर जीव-जगत, जीव-जंतु, पशु-पक्षी की आत्माएं हमारे परिवार का ही हिस्सा है। हम भाग्यशाली हैं कि ये सब हमारे समाज का भाग हैं। अमृतम परिवार सृष्टि में निवासित सभी परिवारों को ह्रदय से साधुवाद करता है। ◆…