Tag: मराठी
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गुड़मार ज्यादा खाने से जीभ खराब होती है..
गुड़मार का स्वाद कड़वा होता है और इसके पत्ते चबाने पर मिठाई का स्वाद नहीं आता। इसी वजह से गुड़मार को मधुनाशिनी भी कहते हैं। ज्यादा गुड़मार के सेवन से जीभ की ग्रहण शक्ति नष्ट हो जाती है। गुड़मार को किसान लोग मेढाशिंगी कहते हैं। संस्कृत में-मधुनाशिनी । हिंदी में-मेढ़ासिंगी, गुडमार। बंगाली में-मेष सिंगी। मराठी…
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महाराष्ट्र का महान शहर पूना
जब कभी भी मन-मस्तिष्क सूना लगे, तो पूना जरूर जाएं। धर्म, धैर्य, धीरज धारण करने वालों की धरती है-पवित्र पुणे… पुणे की प्राचीन परंपरा– पूना का आदमी ज्यादा बचना नहीं है। अपने काम के साथ सबकी मदद करना यहां की संस्कृति है। पुणे का पुराना नाम पुन्नक मिलता है। प्राचीन पुस्तक स्कंदपुराण के अनुसार पुणे…
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ईश्वर-भगवान की भी मजबूरी है। जाने क्यों?
सारा संसार एक दूसरे से जुड़ा या बंधा हुआ है अथवा ये माने कि सभी पर एक के ऊपर एक अंकुश है। कंट्रोल है। हमारा तन ही एक दूसरे के अंकुश में है। जैसे- 【१】शरीर पर इंद्रियों का कंट्रोल है। 【२】इंद्रियों पर मन का अंकुश है। 【३】मन पर बुद्धि का! 【४】बुद्धि पर चित्त का! 【५】चित्त…
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आत्मनिर्भरता की प्रेरणा देने वाली पच्चीस “28” महान प्रसिद्ध हस्तियों के विचार…
देश को दमदार बनाने के लिए लोकल को वोकल कर स्वदेशी अपनाएं, देश को आगे बढ़ाएं। और जाने-28 सूत्र स्वास्थ्य के…. स्वदेशी का अर्थ है – अपने ही देश की अनिर्मित सामग्री या कच्चा माल (Raw Material) से वस्तुओं का निर्माण करके अपने देश और विदेश में बेचना। अरविन्द घोष, रवीन्द्रनाथ ठाकुर, वीर सावरकर, लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक, मदनमोहन मालवीय और लाला लाजपत राय स्वदेशी…