Tag: शिवलिंग
-
हिमाचल के चम्बा जिला क्यों प्रसिद्ध है? Amrutam
बाबा विश्वनाथ की कृपा से सन 2000 के करीब हमें भी सपरिवार यहां जाने का सौभाग्य मिला। चम्बा जिले का भरमौर एक अद्भुत पर्यटन स्थल साथ साथ एक तीर्थ भी है। चम्बा भी एक बेहतरीन टूरिस्ट स्पॉट है। लेकिन कुछ ही दूरी पर अनेक ओर भी स्थान दर्शनीय हैं। स्कंध पुराण में ब्रह्मपुत्र या ब्रह्मपुर…
-
भारतीय संस्कार परंपरा में सूर्य ——
भारतीय संस्कार परंपरा में सूर्य को पिता पुत्री को माता चंद्रमा को मामा एवं नक्षत्र मंडल तारा समूह को कुटुंब की संज्ञा दी गई है भारत का अर्थ है भा अर्थात प्रकाश जो सदैव प्रकाश में ऊर्जा में रक्त हो अर्थात पूर्णता में क्रियाशील सूर्य हमारे साक्षत देता है इन्हें भगवान शिव की एक आंख…
-
एक प्राकृतिक शिव कुंड में शिवलिंग ——-
मध्य प्रदेश के सीधी जिले में चुरहट तहसील के अंतर्गत डढ़ीया गांव से 6 किलोमीटर दूर कैमोर पर्वत के ऊपर कोने में स्थित कांसा गांव में प्राकृतिक शिव कुंड देख कर कोई भी शिव भक्त भावविभोर हो सकता है शिवलिंग पर नाग राज का प्रत्यक्ष रूप से लिपटा होना और अज्ञात स्थान से 12 महीने…
-
परिजात का पौधा मोदीजी ने राममंदिर, अयोध्या में रोपित क्यों किया, जबकि अन्य वृक्ष भी थे?
परिजात शब्द का अर्थ भी जाने… पर्यावरण परिवार में इस जाति का अन्य कोई वृक्ष इस धरती पर उपलब्ध नहीं हैं। कल्पवृक्ष, कल्पलता, कल्पद्रुम, कायाकल्प, कल्पतरु, देववृक्ष, हरश्रृंगार आदि इसके अर्थ हैं। परिजात को प्रणाम— परिजात एक दिव्य वृक्ष है, जो सभी धर्म के देवी-देवताओं को प्रिय है। रात के समय इस वृक्ष को देखने…
-
भगवान विष्णु ने श्रीकृष्ण अवतार क्यों लिया था?
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर अमृतम परिवार की शुभकामनाएं— श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर विशेष अवतार, और परिवार के बारे में जाने पहली बार— इस जग में सम्पूर्ण जीव जगत की रक्षा करने वाले जगन्नाथ जी के चरणों में कोटि-कोटि नमन! अभिवादन। जीवन को गढ़ने वाली महान विभूति का नाम है – भगवान श्रीकृष्ण अवतार। अमृतमपत्रिका के इस ब्लॉग…
-
क्या भगवान नाम की कोई शक्ति है?
संसार को चलाने वाले ये जो पंचमहाभूत हैं ये ही भगवान हैं। शिवलिंग इसी पंचतत्व का प्रतीक है। भारतीय परम्पराओं के पीछे कितना गहन विज्ञान छिपा हुआ है। जिस संस्कृति की कोख से हमने जन्म लिया है, वो तो चिर सनातन है। विज्ञान को धार्मिकता का चोला इसलिए पहनाया गया है, ताकि वो प्रचलन बन…
-
शिवलिंग की आधी परिक्रमा क्यों लगाते हैं……
भगवान को चढ़ाया गया जल हमेशा उत्तर दिशा की तरफ उतरता है। जिस ओर से गिरता है, वहीं सोमसूत्र का स्थान होता है। सोमसूत्र में शक्ति-स्रोत होता है, अत: उसे लांघते समय पैर फैलाते हैं और वीर्य निर्मित और पांच अन्तस्थ वायु के प्रवाह पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। इससे उदर की मूल 5 वायु…