अमृतम परिवार का आग्रह- कृपया देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्वदेशी यानि मेड इन भारत अपनाकर अपनी धरती माँ का सम्मान बढ़ाएं।

Proudly (VOCAL for LOCAL) 

लोकल को वोकल कर देश की

उन्नति में योगदान देकर कृतार्थ करें।

हमारा तन ही वतन है। 

दोनों को स्वस्थ रखने का बस एक ही उपाय है-

चीनी कम” अतः चीनी त्यागकर

आत्मनिर्भरता को हर हाल में आत्मसात करें।

विदेशी उत्पादों के उपयोग करने से होते हैं

प्यार में भी साइड इफ़ेक्ट…

भारत में अब प्यार भी चाइनीज समान

की तरह होता जा रहा है-

चले…. तो चाँद तक नहीं, शाम तक! 

पहले सच्चा प्यार करने वाले जीवन भर साथ निभाते थे।

देशी-विदेशी उत्पादों की जानकारी हेतु क्लिक करें-

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चीन को सबक सिखाने के लिए स्वदेशी अपनाकर

उसकी कमर तोड़े। यह हमारे लिए वरदान भी 

साबित होगा। गैर चाइनीज बाजार खड़ा करने से

दूसरे देशों के विकल्प खुद ही आने लगेंगे।

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भारत के लोग, व्यापारी, उद्योग पति अभी अनेक 

row मटेरियल के लिए चीन के भरोसे बैठे हैं। 

क्योंकि इनका उत्पादन हमारे देश में कम होता है। 

अगर हम देश में निर्मित वस्तु खरीदेंगे, तो थोड़ा महंगा

जरूर पड़ेगा, लेकिन देश का पैसा देश में रहेगा।

मेड इन भारत खपत बढ़ने पर वही सामान देश में

चीन से सस्ता पड़ने लगेगा। हमारा आज का प्रयास

भविष्य में सुखद एहसास कराएगा।

देश का सामान देश के लोग खरीदेंगे, तो देश के

किसान, मजदूरों, मजबूरन के काम आएगा।

बेरोजगारी घटने लगेगी। अवसाद डिप्रेशन चिन्ता,

तनांव सब मिटने लगेंगे।

जाने क्या सोच है 25 महान हस्तियों की-

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आत्मनिर्भर बनने के लिए स्वस्थ्य शरीर रखना 

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मेंरे देश की धरती सोना उगले-उगले

हमारी मातृभूमि और माँ अन्नपूर्णा
ने इतना विशाल प्राकृतिक खजाना
दे रखा है कि हमें किसी का मुहँ ताकने
की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।
हम सभी भारतवासी संयमित
रहकर सम्पूर्ण संकल्प शक्ति के
साथ विदेशी सामान का उपयोग
करना बन्द कर देवें, तो हमारी अर्थव्यवस्था
अपने आप पटरी पर आ जाएगी
और भारत विश्व की महाशक्ति बन
सकता है।
भारत का प्रत्येक नागरिक यदि देश
में निर्मित उत्पादों का उपयोग करना
आरम्भ कर दे, तो बेरोजगारी की
समस्या भी हमेशा-हमेशा के लिए
समाप्त हो जाएगी।

आत्मनिर्भर आदमी ये ६ सुख पाता है...

संस्कृत के एक श्लोकानुसार-

अर्थागमो नित्यमरोगिता च
प्रिया च भार्या प्रियवादिनी च।
वश्यश्च पुत्रोऽर्थकारी च विद्या
षड्‌ जीवलोकस्य सुखानि राजन्‌॥

अर्थात:-

(1) धन की आय,
(2) नित्य आरोग्य,
(3) प्रिय और मधुर बोलने वाली पत्नी,
(4) आज्ञाकारी पुत्र और
(5) धन देने वाली विद्या,
(6) स्वालंबन होना।
यह इस पृथ्वी के छः सुख केवल
आत्मनिर्भरता से मिलते हैं।

अब लोकल को वोकल करें…

कहीं भी बैठे-उठे, तो चर्चा लोकल
की करें, यही हमारा परम कर्तव्य
होना चाहिए। लोकल प्रोडक्ट का
इस्तेमाल करने वाले लोगों का
स्वागत करें। लोकल के लिए
सबको वोकल करके, उन्हें प्रेरित करें।

स्वदेश और स्वदेशी का महत्व को समझे।

अपने देश के नागरिकों भी प्रेरित करें-

Proudly VOCAL for LOCAL

मैं भी हजारों लोगों को रोजगार दे सकता हूँ 

आत्मनिर्भर बनकर ।यह देश है मेरा- मुझे

स्वदेशी अपनाना है।

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