गुजरात का जागृत अदभुत शिवालय, जहां सप्तऋषियों ने की थी महादेव की तपस्या।

  • द्वारिका से 525 किलोमीटर, सोमनाथ ज्योतिर्लिंग से 480 km अहमदाबाद से 100 km दूर गुजरात में साबरकांठा क्षेत्र में साबरमती नदी किनारे एक शिव मंदिर सप्तेश्वर महादेव स्थित है।
  • इस मंदिर के 3400 साल पुराने लिखित इतिहास में अनवरत पानी की सात धाराएं अज्ञात उद्गम स्थान से निकलती हुई मंदिर में विराजित शिव लिंग का चौबीस घंटे और बारह मास सतत अभिषेक करती रहती है।
  • सप्तेश्वर इसीलिए क्योंकि हमारे जो सप्त ऋषि है कश्यप, व्रत, विश्वामित्र, भरद्वाज, अत्रि, जमदग्नि एवम् गौतम इन्होंने इसी स्थान पर परब्रह्म सर्वशक्तिमान भगवान महादेव की आराधना की थी।
  • इन सात धाराओं का जल ठंड या गर्मी या बरसात किसी भी मौसम में एकसमान शीतल और कांच जैसा शुद्ध पारदर्शी रहता है।
  • वैज्ञानिकों की टीम द्वारा कई बार यहां खोज रिसर्च की गई है इस जलधारा के मूल स्तोत्र का पता लगाने की कोशिश हुई किन्तु आज तक कोई भी निष्कर्ष और कोई भी आधार ज्ञात नही हो सका है। 25000 से ज्यादा खुद के द्वारा खोजे गए अदभुत स्वयंभू शिवलिंग के बारे में जानने के लिए अमृतम पत्रिका गुगल पर उपलब्ध है।

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