इस सृष्टि, संसार या त्रिलोक में आप सूर्य से कुछ भी पा सकते हैं। जाने कैसे-

विश्व के जितने भी राजा महाराजा, ईश्वर के अवतार हुए वे सब सूर्य की करुणा पाकर ही हुए।

जिस पर शिव/सूर्य की कृपा होती, वे पत्थर बन जाते मोती।

  • विश्व में एक मात्र देश भारत सदैव से सूर्य उपासक रहा है। सूर्य से दूर होकर हम एक पल भी नहीं जी सकते।
  • आकाश में सूर्य हैं और धरती पर सूर्य का ही प्रतिरूप शिवलिंग है।
  •  मानव मस्तिष्क भी सूर्य एवं शिवलिंग का ही प्रतीक है, जो सूर्य व शिवलिंग को जल अर्पित करने से ऊर्जावान हो जाता है तथा मन को परम शांति मिलती है।
  • भविष्य पुराण के अनुसार भगवान शिव ही सूर्य हैं या सूर्य ही शिव हैं। कहा गया है

एक आंख में सूरज साधा, दूसरे में चंद्रमा आधा

दोनों नेत्रों से रख ली शिव ने इस जग की मर्यादा

  • सूर्य से ही हमें ऊर्जा, एनर्जी, जीने की शक्ति, रोशनी, विटामिन डी और हड्डियों को ताकत मिलती है।
  • सूर्य ज्ञान, तेज, स्फूर्ति व शक्ति का अक्षय स्रोत है।
  • सूर्य ही सम्पूर्ण सृष्टि को अपनी तरंगमयी, ऊर्जादायिनि किरणों से उजियारा दे रहा है।

वैदिक मंत्रों में सूर्य से करबद्ध प्रार्थना की गई है कि

ॐ असतो मा सद्गमय।त मसो मा ज्योतिर्गमय।

मृत्योर्मामृतं गमय ॥ॐ  शान्ति शान्ति शान्तिः।।

  • अर्थात हे आदित्य देवता! हमें असत्य से सत्य की ओर, अन्धकार से प्रकाश की ओर, और मृत्यु से अमरता की ओर ले चलो॥ यह अमृतम पवमान मंत्र बृहदारण्यकोपनिषद् 1.3.28! से लिया गया है।
  • प्रातः काल सूर्य दर्शन करना, सूर्य को जल चढ़ाना हमारी अटूट परम्परा का अंग है। दैदीप्यमान सूर्य सौंदर्य, विकास, उत्साह, आशा का प्रतीक है।

सूर्य के पास है संसार की सारी समस्याओं का समाधान

  • भारतीय संस्कृति में सूर्य का बहुत महत्त्व है। सूर्य को आदि-अनादि काल से देवता के रूप में पूजा गया है
  • प्रातःकालीन उगता सूरज ऐसी लालिमा लिए रहता है कि उसके दर्शन करना सकारात्मक भावनाओं को जन्म देता है।
  • सूर्य की किरणें जीवन के लिए अमृतमयी हैं। इनसे विटामिन-डी का निर्माण शरीर में होता है।
  • पौधे भी प्रकाश संश्लेषण के दौरान कार्बन डाइऑक्साइड व पानी आदि के द्वारा सूर्य के प्रकाश में भोजन बनाते हैं एवं ऑक्सीजन देते हैं।
  • आप जानकार हैरान हो जाएंगे की वृक्ष प्राणियों को जीवित रखते हैं और प्राणी पेड़ों को जिंदा रखते हैं।
  • यदि शरीर को सूर्य का प्रकाश कम मिले, तो शरीर में ‘मेलाटोनिन’ बढ़ जाता है एवं आलस्य, सुस्ती, नींद में वृद्धि हो जाती है।
  • आर्य संस्कृति में आदित्य नाम से तो ग्रीस में भगवान ‘हेलीयोज’ के रूप में। अगस्त्य मुनि ने श्रीराम को सूर्य पूजा में दीक्षित किया। हमारे त्योहार मकर संक्रान्ति, छठ पूजा, पोंगल आदि सूर्य एवं सूर्य के उत्तरायण में आने से संबंधित है।
  • मुल्तान (पाकिस्तान), मोढेड़ा (गुजरात), कोणार्क (ओडिशा), उन्नाव (यूपी), सूर्य पहाड़ (असम), गया (बिहार) मोहना (भिंड मप्र) आदि में सूर्य के भव्य प्राचीन मंदिर हैं।
  • हमारे देश ही नहीं, विदेश में सूर्य, सूर्य उपासना, सूर्य से संबंधित संस्कारों का बहुत महत्त्व है।
  • जापान को उगते सूरज का देश कहा जाता है। वहां के राष्ट्रीय ध्वज में सूर्य का निशान है। वहां के लोग़ प्रातः उठकर सूर्य को झुककर प्रणाम करते हैं।
  • चीन : सूर्य को नमस्कार सहित चाय भेंट की जाती है। इस प्रकार सूर्य का संबंध ऊर्जा व प्रेरणा से है, जो विश्व के हर कोने में स्वीकार्य है।
  • सौर ऊर्जा से ही वर्तमान युग की मानव जाति की ऊर्जा संबंधी और पर्यावरण संबंधी समस्याओं का समाधान हो सकता है।
  • आज ग्लोबल वार्मिंग एक समस्या बन गई है। कहीं भारी वर्षा हो रही है, कहीं सूखा पड़ रहा है, कहीं जंगलों में आग लगी है।
  • पृथ्वी का तापमान बढ़ रहा है। इसलिए अब परंपरागत फॉसिल फ्यूल का प्रयोग पृथ्वी पर मानव जाति के ही संकट में डाल देगा।
  • ऐसे में सूर्य से प्राप्त ऊर्जा यानी सोलर एनर्जी एक सही उपाय है। इस क्षेत्र में जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी में सुधार होगा, हम ज्यादा प्रभावी तौर पर सूर्य की ऊर्जा एकत्र कर अपने प्रयोग में ले पाएंगे।
  • वर्तमान में 1 स्क्वायर किलोमीटर में में प्रातः अस्तित्व को
  • सूरज की यह 1 गीगावॉट ऊर्जा गिरती है, जिसमें से हम 200 मेगावाट ही एकत्र कर पाते हैं।
  • जैसे-जैसे हम अपनी टेक्नोलॉजी अच्छी करके और अधिक ऊर्जा संकलित कर पाएंगे, व्यावहारिक जीवन में सूर्य की ऊर्जा का उपयोग बढ़ता जाएगा।
  • कहा जाता है कि अमरीका के टेक्सास राज्य के एक छोटे से हिस्से में जो सरफेस एरिया है, उसका प्रयोग कर पूरे अमरीका को बिजली दी जा सकती है।
  • भारत में तो सौर ऊर्जा की उपलब्धता भारत की भौगोलिक स्थिति के कारण बहुत बेहतर है।
  • मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य के लिए सूर्य नमस्कार अति उत्तम माना जाता है।
  • अतः प्रत्येक व्यक्ति को प्रातः जल्दी उठ कर सूर्य को नमस्कार करने की, सूर्य को देखने की आदत डालनी चाहिए।
  • व्यक्ति आस्तिक नास्तिक कुछ भी हो, उसे समझना चाहिए कि सूर्य दर्शन का लक्ष्य रखने से व्यक्ति जल्दी उठेगा, जल्दी उठेगा तो उसका अपने दिन पर, अपने कार्यों पर नियंत्रण रहेगा।
  • सूर्य दर्शन से व्यक्ति आशावादी, ऊर्जावान, स्फूर्ति पूर्ण होगा।
  • सूर्य का इस जीव जगत में सर्वोच्च महत्त्व है। भारतीय न केवल उगते सूरज को जल चढ़ाते हैं, बल्कि बिहार और उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में छठ पूजा के दौरान सूर्यास्त के वक्त विशेष रूप से पूजा की जाती है।
  • सूर्य का महत्त्व समझते हुए एक दार्शनिक अंदाज में यह बात की जा सकती है कि जैसे सूरज जब ढलता है, तब भी रोशनी और लालिमा लिए रहता है।
  • अंत में सूर्य को बारंबार नमन करते हुए इतना ही कह सकते हैं कि विश्व की सभी सभ्यताओं में सूर्य का सदैव पूजनीय स्थान रहा है। इसका मनुष्य जाति ही नहीं सभी जीवों के कल्याण से सीधा जुड़ाव रहा है। प्राचीन भारत, मिस्र, चीन, अजटेक आदि सभी सभ्यताओं में सूर्य की उपासना की जाती रही है।
  • मिस्र में अभी अभी 5000 पुराना सूर्य मंदिर एक खुदाई के धारण मिला है।

केइवान में सूर्य जैसा प्रकाश, प्रसन्नता, शक्ति, ऊर्जा चाहिए, तो सूर्य शांति कल्प का नियमित पाठ करना अत्यंत हितकारी है।

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