Tag: सूर्य

  • इस सृष्टि, संसार या त्रिलोक में आप सूर्य से कुछ भी पा सकते हैं। जाने कैसे-

    इस सृष्टि, संसार या त्रिलोक में आप सूर्य से कुछ भी पा सकते हैं। जाने कैसे-

    विश्व के जितने भी राजा महाराजा, ईश्वर के अवतार हुए वे सब सूर्य की करुणा पाकर ही हुए। जिस पर शिव/सूर्य की कृपा होती, वे पत्थर बन जाते मोती। विश्व में एक मात्र देश भारत सदैव से सूर्य उपासक रहा है। सूर्य से दूर होकर हम एक पल भी नहीं जी सकते। आकाश में सूर्य…

  • सूर्य उपासना से होते हैं- चमत्कारी फायदे.

    सूर्य उपासना से होते हैं- चमत्कारी फायदे.

    बहुत कठिन परिश्रम,दिन रात कड़ी मेहनत के बाद भी भाग्योदय नहीं हो पाता। क्योंकि सम्पूर्ण जीव जगत के रक्षक परम पिता स्वरूप भगवान सूर्य की उपासना भूत ही कम लोग करते हैं। दुःख का दुखड़ा मत रोएं…. संसार मत छोडो, दृष्टि छोडो। दृष्टि बदलोगे, तो सृष्टि बदल जाएगी। नजरों को  बदलते ही, नजारे बदलेंगे मगर…

  • शिव और अघोरियों के रहस्य

    शिव और अघोरियों के रहस्य

    एक अंगूठा, चार उंगलियां, सब झूठा, सत्य नाम है शंकर। वृक्ष में बीज, बीज में बूटा, सब झूठा सत्य नाम है शंकर। इसकी व्याख्या बहुत विशाल है। आदिशंकराचार्य ने कहा है कि- व्यक्ति ठान ले, तो वह स्वयं ही शिव बन सकता है। उन्होंने अनेकों बार शिवोहम, शिवोहम अर्थात “मैं शिव हूँ, “मैं ही शिव हूँ”-कहकर…

  • भारतीय संस्कार परंपरा में सूर्य ——

    भारतीय संस्कार परंपरा में सूर्य ——

    भारतीय संस्कार परंपरा में सूर्य को पिता पुत्री को माता चंद्रमा को मामा एवं नक्षत्र मंडल तारा समूह को कुटुंब की संज्ञा दी गई है भारत का अर्थ है भा अर्थात प्रकाश जो सदैव प्रकाश में ऊर्जा में रक्त हो अर्थात पूर्णता में क्रियाशील सूर्य हमारे साक्षत देता है इन्हें भगवान शिव की एक आंख…

  • ब्रह्मांड का लघु रूप:———–

    ब्रह्मांड का लघु रूप:———–

    मानव शरीर एक शिव मंदिर है भगवान शिव अर्धनारीश्वर हैं इसमें आधा भाग नर और आधा भाग नारी के रूप में ही समाहित है वेदों में नर हो या नारी पुरुष ही कहा जाता है.. और रुद्र को परम पुरुष कहा गया है इसका अधिठाता जीवात्मा इस शरीर रूपी पूरी में बसता है.. अतः वह…

  • जाने सूर्य के बारे में रहस्यमयी और दुर्लभ 108 से ज्यादा बातें…

    जाने सूर्य के बारे में रहस्यमयी और दुर्लभ 108 से ज्यादा बातें…

    18 पुराणों में से एक भविष्य पुराण  भगवान सूर्यदेव के बारे  में सम्पूर्ण जानकारी दी गई है। भविष्य पुराण 2000 से ज्यादा पेजों में, दो खंडों में रचित है। भगवान श्री कृष्ण द्वारा रचित दुर्लभ  आदित्यहृदय स्तोत्र भगवान सूर्य के  श्लोक का बहुत महत्व है….. आदित्यं च शिवं  विन्द्याच्छिवमादित्य-रुपिणम्। उभ्योरन्तरं नास्ति,  आदित्यस्य शिवस्य च।।१६।। अर्थात- आदित्य यानि सूर्य को ही…