• धर्म दृष्टि… वेद और कुरान में समानता तथा कुरान पर वेदों का प्रभाव!

    धर्म दृष्टि… वेद और कुरान में समानता तथा कुरान पर वेदों का प्रभाव!

    संसार यह जानकर हैरान हो जाएगा कि सभी धर्मों का आधार वेद ही है। वेद से ही अन्य भाषाओं का प्रदुर्भाव हुआ। वेद से ही मूर्ति पूजा, ध्यान, नमाज, योग, आयुर्वेद, धर्म कर्मकांड, पूजा पद्धति, नदी, जल, वृक्ष तथा पंचमहाभूतों की उपासना, साधना, सिद्धि, तंत्र, मंत्र, यंत्र का अविष्कार हुआ। दुनिया का सर्वाधिक प्राचीन ग्रंथ…

  • दारिद्र यानि गरीबी नाशक प्रयोग…सौंदर्य लहरी

    दारिद्र यानि गरीबी नाशक प्रयोग…सौंदर्य लहरी

    सौन्दर्य-लहरी नामक ग्रंथ में गरीबी, परेशानी, रोग शोक, दुख आदि दूर करने के लिए अनेकों यंत्रों की सिद्धि पाने के योगों का वर्णन है।  श्रीमद आदि शङ्कराचार्य-प्रणीत सौन्दर्यलहरी स्तोत्र-साहित्य में अत्यन्त उत्कृष्ट कृति मानी जाती है। वस्तुतः यह रचना स्तोत्र मात्र न होकर समस्त तन्त्रग्रन्थों का सार अथवा तन्त्रराज्य के भाण्डागार का अनावृत द्वार है।…

  • आदि शंकराचार्य रचित सौंदर्य लहरी में लिखे हैं – सृष्टि के सभी अंतर, मंत्र, यंत्र के रहस्य… भाग – एक

    शक्ति की उपासना को समर्पित सौंदर्य लहरी नामक ग्रंथ में धन वृद्धि, सुख समृद्धि, ऐश्वर्य कीर्ति पाने के लिए अनेक वैज्ञानिक एवं अध्यात्मिक यंत्रों का समावेश है। इस किताब की रचना आदि शंकराचार्य ने अपने इष्ट भोलेनाथ के आदेश पर की थी। इसे पढ़कर भयंकर गरीबी से मुक्ति पा सकते हैं। जगतगुरु आदि शङ्कराचार्यवर्य ने…

  • भोग लगे या रूखे सूखे, शिव तो हैं श्रद्धा के भूखे!

    भोग लगे या रूखे सूखे, शिव तो हैं श्रद्धा के भूखे!

    अध्यात्म के क्षेत्र में जब तक श्रद्धा अटूट नहीं हैं। भक्ति की भावना और भावुकता में है, तब टीके ईश्वर के लिए सभी प्रयास, पूजा पाठ एसबी व्यर्थ हो जाता है।  भावना की शक्ति महान है। इसी शक्ति ने मीरा को दिए हुए विष को अमृत में बदल दिया था। इसी शक्ति से धन्ना भक्त…

  • रोटी का रोचक इतिहास…

    रोटी का रोचक इतिहास…

    छप्पन तरह के पकवान खाते-खाते मन भर सकता है, लेकिन रोटी खाते-खाते आज तक कोई बोर नहीं हुआ, क्योंकि पेट तो रोटी से ही भरता है और दुनियाभर में सारे झगड़े की जड़ भी रोटी ही है। एक एक रोटी के लिए मोहताज एक गरीब आदमी ने रोटी का एक विशाल संग्रहालय ही स्थापित कर…

  • कामदेव कोन हैं? क्या कामदेव की कामवासना से दुनिया में उथल – पुथल मची हुई है.

    कामदेव कोन हैं? क्या कामदेव की कामवासना से दुनिया में उथल – पुथल मची हुई है.

    स्त्रियों के सौंदर्य की वजह काम है। महिलाओं के मन की मलिनता काम (सेक्स)से ही मिटती है।  काम के कारण में प्रसन्न और तन तंदरुस्त रहता है। काम अंतर्मन को पतन से बचाता है। सेक्स, सहवास, सम्भोग, रतिक्रिया, कामवासना, रात्रि मिलन, रतिमिलन तथा हम बिस्तर होना आदि काम के अन्य नाम हैं। काम परमात्मा का…

  • आयुर्वेदानुसार शरीर का विज्ञान क्या है?

    आयुर्वेदानुसार शरीर का विज्ञान क्या है?

    स्वास्थ्य सम्बंधित 18 काम की जानकारी… शरीर के घटकों का कार्य समझ लेना होगा, तथा उसे सुचारू रूप स चलाने के लिये कर्मशील बनना होगा। यह हमारा एक प्रधान कर्तव्य है । क्यों कि इस शास्त्र की शिक्षा से हमें बहुत कुछ लाभ मिल सकता है। मानव-शरीर- शास्त्र के शरीर रचना, इंद्रिय-विज्ञान तथा आरोग्य-शास्त्र ही…

  • 5000 साल पहले भारत में ही हुआ था-विमान का अविष्कार. “जानकर हैरान रह जाएंगे”

    5000 साल पहले भारत में ही हुआ था-विमान का अविष्कार. “जानकर हैरान रह जाएंगे”

    अमृतम पत्रिका, ग्वालियर द्वारा यह लुप्त-सुप्त तथा गुप्त ज्ञान 50 से अधिक पुरानी पुस्तकों से खोजा गया है। इस संजोकर यानी Save करके रखें और भारत की प्राचीन परम्पराओं को प्रणाम करें… अंगिरस ऋषि के वंशज महर्षि भरद्वाज आयुर्वेद के महान ज्ञाता थे। महर्षि भरद्वाज ने किया था विमान/एरोप्लेन का अविष्कार…. पुराने जीर्ण-शीर्ण ग्रन्थों के आधार…

  • शहतूत एक फल है, इसके पत्तो को रेशम के कीड़े बहुत खाते हैं। यह ज्वरनाशक एवं विरेचक होता है…

    शहतूत एक फल है, इसके पत्तो को रेशम के कीड़े बहुत खाते हैं। यह ज्वरनाशक एवं विरेचक होता है…

    अथ तूतः ( सहतूत )। तस्य नामानि तत्पक्कापक्कफलगुणांचाह !! तूतस्तूलश्च पूगश्च क्रमुको ब्रह्मदारु च। तूत्तं पक्कं गुरु स्वादु हिमं पित्तानिलायहम्॥ तदेवाम गुरु सरमम्लोष्णं रक्तपित्तकृत् ॥ १० ॥ शहतूत या तूत के अन्य नाम ….हिंदी०-सहतूत, तूत। शाहतूत । बंगाली०-तूत । मराठी०-तूते। गुजगत०-शेतूर। तेलगु०-पुतिका । तामिल०कम्बली। फारसी०-शाह तूत, तूनतुशं। अरबी०-तूत, तूद हामोज। अं०-Mulberry ( मलबेरी)। ले.Morus indica Griff.…

  • स्थिर बुद्धि क्यों जरूरी है और इसके जबरदस्त फायदे क्या हैँ?

    स्थिर बुद्धि क्यों जरूरी है और इसके जबरदस्त फायदे क्या हैँ?

    अवसाद डिप्रेशन झेल रही नई पीढ़ी के लिए यह लेख बहुत काम है! स्थिरबुद्धि न होने से जीवन सदैव असुख, अभाव, अशांति से बीतता है! वर्तमान में कैंसर होने कि सबसे बड़ी वजह बुद्धि कि अस्थिरता ही है! अस्थिर बुद्धि वाला व्यक्ति परिवार, समाज और राष्ट्र भी दुःखित होकर अशान्ति और अनिश्चिन्तता के झूले में…

Talk to an Ayurvedic Expert!

Imbalances are unique to each person and require customised treatment plans to curb the issue from the root cause fully. Book your consultation – download our app now!