Tag: आयुर्वेद

  • आयुर्वेद में पथ्य अपथ्य का पालन कर अनेक रोगों से छुटकारा पा सकते हैं!

    आयुर्वेद में पथ्य अपथ्य का पालन कर अनेक रोगों से छुटकारा पा सकते हैं!

    मधुमेह यानि डायबिटीज से भारत के लगभग ७० फीसदी लोग प्रभावित और पीड़ित हैं। लोग चाहें, तो आयुर्वेद के अनुसार कुछ परहेज करके इस महामारी से हमेशा के लिए मुक्ति पा सकते हैं। हितकारी चीज यानि पथ्य-मक्खन, पनीर, घी, और मूंग आदि की दाल (थोडी), गोभी, टमाटो, ककडी आदि बहुत थोडे हरे शाक तथा चेस्टनट…

  • मोटापा, मेदरोग, चर्बी कम करने के आयुर्वेदिक सूत्र…

    मोटापा, मेदरोग, चर्बी कम करने के आयुर्वेदिक सूत्र…

    भैषज्यरत्नावलीनामकभेषजग्रन्थस्य मेदोरोगाधिकारस्य आयुर्वेद के एक प्राचीन ग्रंथ योग रत्नाकर में स्थौल्य रोग यानि मोटापा मिटाने के पथ्य यानि परहेज की चर्चा गुमफिट है – (यो. र.) पुराणशालयो मुद्गकुलत्थयवकोद्रवाः। लेखना बस्तयश्चैव सेव्या मेदस्विना सदा॥६३॥ अर्थात मेदोरोग में पुराना शालिचावल, मूँग की दाल, कुलत्य, जौ, कोदो तथा लेखनबस्ति का प्रयोग हितकर या लाभदायक है।  मेदोरोग में पथ्य….…

  • आयुर्वेद के अनुसार बाजीकरण क्या है…

    आयुर्वेद के अनुसार बाजीकरण क्या है…

    वाजीकरण की आवश्यकता क्यों है -पुरुषों को चिन्तया जरया शुक्रं व्याधिभिः कर्मकर्षणात्। क्षयं गच्छत्यनशनात् स्त्रीणां चातिनिषेवणात् ॥१॥ अर्थात अनेक प्रकार की चिन्ता से, वृद्धावस्था के कारण, रोग से, व्यायामादिकर्म से अथवा पञ्चकर्म के हीन या अतियोग से अधिक दिनों तक भूखे रहने से, स्त्रियों के साथ अति सम्भोग करने से और अधिक मात्रा में शुक्र…

  • जहरीले नागों से डर मिटायें…

    जहरीले नागों से डर मिटायें…

    आयुर्वेद में नाग काटने का इलाज अनेक ग्रन्थों में अपने अनुभव के आधार पर आयुर्वेदाचार्य ने बताए हैं। ऐसा ही एक साधारण सरल उपाय से नाग, बिच्छू कभी घर में घुसते ही नही हैं। आस्तिक मुनिश्वराय नमःशिवाय!! यह मन्त्र किसी कागज या कपड़े पर केशर युक्त हल्दी से लिखकर अपने मुख्य दरवाजे पर टांग देंवें।…

  • भारत में 51000 तरह के पकवान बनते हैं। नाम जानकर हैरान हो जाओगे!

    भारत में 51000 तरह के पकवान बनते हैं। नाम जानकर हैरान हो जाओगे!

    आयुर्वेद के अनुसार भोजन १००८ तरह का होता है और पूरे भारत में क्षेत्रानुसार लगभग 51000 तरह के भोजन निर्मित किये जाते हैं।यह पौष्टिकता युक्त है। इस जबाब को पढ़कर आपको भरोसा हो जाएगा कि भारत के ज्ञान के आगे सब तुच्छ हैं। दुनिया में फैला ज्ञान या जानकारी हिंदुस्तान की झूठन है। हमारे देश…

  • अस्थि या हड्डी मजबूत कैसे करें?

    अस्थि या हड्डी मजबूत कैसे करें?

    आयुर्वेद चिकित्सा तथा चरक सहिंता के अनुसार हड्डियों के कमजोर होने की मूल वजह है -शरीर में इस निर्माण का न बनना, जिससे हड्डियां खोखली होती जाती हैं। हम लोग हड्डियों की देखभाल के लिए मालिश, परहेज कुछ नहीं करते, तब बुढापा आने के समय सर्वाधिक तकलीफ हड्डियों को ही झेलनी पड़ती है। पुरानी कहावत…

  • आयुर्वेद के महान महर्षि, जिसमें रावण भी पूज्यनीय है!

    आयुर्वेद के महान महर्षि, जिसमें रावण भी पूज्यनीय है!

    महर्षि चरक के अलावा आयुर्वेद में अनेकों आयुर्वेदाचार्य वैद्य गण हुए। इनका गयं-विज्ञान और योगदासन अतुलनीय रहा है। इसमें महर्षि अगस्त्य और दशानन रावण भिवस्मर्णीय है आयुर्वेद तथा शल्य-चिकित्सा शास्त्र के आचार्य गणों का सम्पूर्ण जीव- जगत् पर महान् उपकार है, उनके नाम-स्मरणसे भी विशेष फलकी प्राप्ति होती है- (१) ब्रह्मा, (२) दक्षप्रजापति, (३) भगवान्…

  • क्या बिना दवाओं के स्वास्थ्य अच्छा रख सकते हैं। शास्त्रसम्मत चित्र सहित बहुत ज्ञान की बातें..

    क्या बिना दवाओं के स्वास्थ्य अच्छा रख सकते हैं। शास्त्रसम्मत चित्र सहित बहुत ज्ञान की बातें..

    आयुर्वेद की ये 20 बातें हेल्दी बनाकर चुस्त-तन्दरुस्त तथा फुर्तीला बनाएंगी। अपना शरीर और तकदीर…. खुद के बनाने से बनते हैं। कब- कहाँ, क्या?… जरूरत है; उस वक्त उसका इस्तेमाल करें। देखा-देखी रस्सी या पेड़ पर चढ़ना व्यर्थ है अन्यथा गिरोगे, तो हाथ-पैर खुद के ही टूटेंगे। शुरू से ही सन्तुलित भोजन करने से शरीर…

  • क्या उपवास रखने से मधुमेह, केंसर, लिवर की समस्या से मुक्ती मिलती है-

    क्या उपवास रखने से मधुमेह, केंसर, लिवर की समस्या से मुक्ती मिलती है-

    धर्म और उपवास-व्रत- आयुर्वेद,”व्रतराज” आदि धर्मग्रंथों में उपवास,व्रत एवं रोजा रखने का विशेष महत्व बताया है। उपवास आदि से शरीर तथा मनोवृत्तियों में निर्मलता आती है।  अवसाद या डिप्रेशन एवं तनाव  मुक्ती के लिए व्रत एवं रोजा बहुत ही लाभकारी हैं। व्रत-उपवास से होते हैं – 20 से ज्यादा चमत्कारी फायदे। जानकर हैरान हो जाएंगे: … इम्यून सिस्टम होता है मजबूत औऱ पेट की…

  • कामशक्ति बढ़ाने के उपाय :—-

    कामशक्ति बढ़ाने के उपाय :—-

    श्वास, भोजन तथा निद्रा के बाद चौथा महत्त्व काम का है । निद्रा के बारे में अन्य स्थान पर बताया जा चुका है । यह पुस्तक कार्य के संसार से हमारे संबंधों की व्याख्या करती है। निन्द एक ऐसा विराम है जो अस्थायी रूप से सांसारिक गतिविधियों से हमें अलग कर देता है। यह पहले…