Tag: स्वास्थ्य
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आयुर्वेद मैं ऐसा क्या इलाज है ?
इस आर्टिकल को पूरा पढ़कर अमल करेंगे, तो बुढ़ापा जल्दी नहीं आएगा और जीवन स्वथ्य रहते हुए चैन से कटेगा। आप कितने ही टेस्ट करवा लेवें अगर आपका लिवर ठीक से काम नहीं कर रहा, तो पेट खराब रहेगा। कब्ज बनी रहेगी। माधव निदान के मुताबिक पाचन संस्थान गड़बड़ है, तो एक के बाद एक बीमारी…
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स्वस्तिक शुद्ध बनाएं अन्यथा सिद्धि, बुद्धि ओर समृद्धि का हो जाएगा नाश। amrutam
ध्यान रखें स्वास्तिक बनाते समय किसी भी लाइन को काटना महाअशुभ होता है। इससे धन की तंगी बनी रहती है। स्वस्तिक का अर्थ है। स्व का आस्तिक अनुभव करना। स्वयम की शक्ति का एहसास करने के लिए श्रीगणेशजी ने स्वस्तिक की रचना की थी। अमृतम पत्रिका 2012 में यह बहुत बड़ा आर्टिकल प्रकाशित हुआ था जिसे…
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स्वास्थ्य रक्षक घरेलू नुख्सों के क्या फायदे हैं।
आयुर्वेद में अनुपान का विशेष महत्व है। कोई चूर्ण उतना ही खाएं जीतना पचा सकें अन्यथा चूर्ण का काढ़ा बनाकर पीने लाभकारी है। द्रव्यगुण विज्ञान के अनुसार हल्दी एक महीने में 10 से 15 ग्राम तक ही लेना हितकारी है अन्यथा फेफड़ों से कफ को सुखा देगी और दमा, श्वांस की समस्या खड़ी हो सकती…
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हेल्दी लाइफ के लिए वाइफ के साथ नित्य नियम से करें सेक्स, तो मिलेगा रिलेक्स
रोज करे सहवास, तो पत्नी सदैव रहेगी पास। अनेक स्त्री पुरुषों के मन में ये भ्रम बना रहता है कि रोज संभोग करने से कोई रोग न लग जाए। उनकी जिज्ञासा यह जानने की बनी रहती है कि काफी समय तक रतिक्रिया न करें अथवा सेक्शुअल रिलेशन ना बनाएं तो उससे क्या फर्क पड़ेगा।…
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क्या उपवास रखने से मधुमेह, केंसर, लिवर की समस्या से मुक्ती मिलती है-
धर्म और उपवास-व्रत- आयुर्वेद,”व्रतराज” आदि धर्मग्रंथों में उपवास,व्रत एवं रोजा रखने का विशेष महत्व बताया है। उपवास आदि से शरीर तथा मनोवृत्तियों में निर्मलता आती है। अवसाद या डिप्रेशन एवं तनाव मुक्ती के लिए व्रत एवं रोजा बहुत ही लाभकारी हैं। व्रत-उपवास से होते हैं – 20 से ज्यादा चमत्कारी फायदे। जानकर हैरान हो जाएंगे: … इम्यून सिस्टम होता है मजबूत औऱ पेट की…
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साइकिल चलाओ स्वास्थ्य बनाओ..
कल, कलदार और क्लेश से दुनिया परेशान है। भविष्य में क्या होगा?… इसी चिंता में विश्व की एक चौथाई जनसँख्या बीमार है। सायकल चलाने वाले अंकल को……. कल की कोई फिक्र नहीं रहती। क्योंकि सायकल चलाकर वह तन्दरुस्त रह सकता है। बचपन में साइकिल चलाने के मजे, जवानी में ना जाने कहाँ खो जाते हैं।…
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पेट में हो रोग तो काहे का भोग ——
एक कहावत है… कि जब पेट में हो रोग तो काहे का भोग वह का आशय भोजन के भोग से है! हमारा पेट साफ रहे इसलिए व्रत उपवास का विधान हमारे शास्त्रों ने बताया है 7 दिन में 1 दिन का उपवास हमारे पेट के अनेक रोगों का नाश कर जटा रागनी जागृत करता है!…
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स्वस्थ रहने के सूत्र क्या है?
अमृतम सुखी जीवन के लिए निम्नलिखित नियमों पर चलने या इन्हें अपनाने का प्रयास करें आयुर्वेद के यह 22 सूत्र आपको ताउम्र स्वास्थ्य रख सकते हैं– 1. सुबह उठ कर खाली पेट अधिक से अधिक पानी पीना चाहिए यदि गुनगुना पानी पियें,तो और भी लाभकारी होता है । 2. पानी हमेशा ऐसे पियें, जैसे खा रहे हो…
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जाने-आत्महत्या के आध्यत्मिक, सांसारिक और भौतिक तैतीस कारण…
क्यों कर रहे हैं प्रसिद्ध या गरीब लोग आत्महत्या? और डिप्रेशन में जाने के क्या कारण है? इस बदलते दौर में, हर पल बदलती बदरंग, दोगली दुनिया से दुखी होकर एक भावुक शायर खुदा से प्रार्थना करता है कि- एक दिमाग वाला दिल, मुझे भी दे, दे ए खुदा… ये दिल वाला दिल, सिर्फ तकलीफ़ ही देता…
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अमृतम के एकल चूर्ण ऑनलाइन उपलब्ध हैं…..
आयुर्वेदिक की प्रत्येक जड़ीबूटियों में अनेक गुण होते हैं। अकेली एकल ओषधि के सेवन से उदर रोग,आंतों की बीमारियां, गुदा, गुर्दा व यकृत रोग कभी होते ही नहीं हैं। भारत के बहुत सी प्राचीन पुस्तकों में एकल बूटी के उपयोग स्वास्थ्य को बनाये रखने के साथ साथ ग्रहदोष बाधा मायतने, तन्त्र, मन्त्र के लिए बताया…