बाल टूटने और कमजोर होने के क्या कारण हैं और कैसे इसे रोक सकते हैं?

अगर शरीर में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन न हो तो मसल्स और हड्डियों के अलावा स्किन और बाल से जुड़ी समस्याएं भी हो सकती हैं… बालों का कमजोर होना, टूटना या झड़ना भी प्रोटीन की कमी को दर्शाता है।

लगभग 32 अयुर्वेदिक ग्रन्थ-शास्त्र, अमृतम पत्रिका और किताबों से ली गई जानकारी आपके बालों की हर समस्या का अंत…तुरन्त करेगी। इसे एकाग्रता पूर्वक पढ़ें। सब समाधान है इस लेख में-

मुख्य सन्दर्भ ग्रन्थ-के नाम…

{१} धन्वन्तरि कृत आयुर्वेदिक निधण्टु

{२} आयुर्विज्ञान ग्रंथमाला

{३} आयुर्वेद द्रव्यगुण विज्ञान

{४} आयुर्वेदिक काय चिकित्सा

{५} आयुर्वेद सारः संग्रह

{६} भावप्रकाश निघण्टु

{७} सुश्रुत सहिंता

{८} चरक सहिंता एवं

{९} वाग्भट्ट आदि ये सब ग्रन्थ

5000 वर्षों से भी प्राचीन हैं और

आयुर्वेद की अमूल्य धरोहर है।

बालों का झड़ना हल्के में न लें, जानें लक्षण, कारण और सम्पूर्ण विश्वसनीय आयुर्वेदिक उपचार। आप देशी इलाज के बल पर बालों को बलवर्द्धक बनाकर सारे भ्रम मिटा सकते हैं….

आ बैल मोहे मार–

यह एक पुरानी कहावत है कि हमारी नासमझी व लापरवाही के कारण ही तन का पतन होने लगता है।

वर्तमान युग में खुशबू, केमिकल युक्त तेल, साबुन, शेम्पो से हमारे बालों की जड़े कमजोर होने लगती हैं। इसका दुष्प्रभाव यह होता कि- प्रतिदिन गुच्छों के रूप में बेशुमार बाल टूटने लग जाते हैं।

बाल झड़ने और गंजेपन की समस्या से दुनिया में हर कोई परेशान है। इसमें महिलाओं की मात्रा अधिक है। एक वैज्ञानिक अनुसन्धान के मुताबिक लगभग 44 फीसदी महिलाएं बालों की समस्या से अक्सर तनाव में रहती हैं।

नेशनल सेंटर ऑफ बायोटेक्नोलॉजी इन्फोर्मेशन (एनसीबीआई-NCBI) के अनुसार विटामिन बी, विटामिन सी विटामिन डी, विटामिन ई, लौह तत्व (आयरन), सेलेनियम की कमी के कारण बालों का झड़ना शुरू होता है।

सेलेनियम (Selenium) रक्त वाहिका, हृदय की बीमारियों, एथेरोस्क्लेरोसिस, ऑस्टियोआर्थराइटिस , रूमेटोइड गठिया , बांझपन , हेफिवर , पुरानी थकान सिंड्रोम और आर्सेनिक विषाक्तता के रोगों के इलाज के लिए उपयोग किया जाने वाला प्राकृतिक खनिज है।

शरीर में हीमोग्लोबिन का कम होना, एनीमिया, थाइरॉयड की दिक्क़त, प्रोटिन तथा कॉपर की कमी और हार्मोनल वजहों से भी केशझड़न की तकलीफ उत्पन्न होकर बाल कम उम्र में सफ़ेद हो जाते हैं।

अमृतम आंवला चूर्ण

बाल काले करने में मददगार है।

इसमें कुछ विटामिन और विशेष पोषक तत्व होते हैं, जो बालों की वृद्धि में आवश्यक भूमिका निभाता हैं। यह एंटीऑक्सीडेंट अमृतम त्रिफला चूर्ण का मुख्य घटक भी है। त्रिफला, अमृतम भृङ्गराज चूर्ण बालों की खास दवाओं में से एक है, जिसे अमृतम कुन्तल केयर माल्ट में मिलाया है।

मर्द व महिलाओं के लिए जरूरी मनोवैज्ञानिक रूप से मनवाफिक और मनोवांछित बाते जाने…

संसार में हर किसी की कामना होती है कि हर हाल में हमारी सुंदरता से कोई भी निहाल होकर मंत्रमुग्ध हो जाए। बाल से मालामाल महिलाओं में कमाल का आकर्षण भी होता है।

लम्बे बलखाते बाल, घने बालों का जाल खूबसूरत भरे हुए गाल, बेहतरीन चाल-ढाल, खुशनुमा साल, आँखें हो महासागर सा ताल, पेट की ठीक रहे नाल (यकॄत) और सुंदर साड़ी का फॉल हो, तो जीवन आनंद से भर जाता है। आपस में ताल से ताल मिले, तो जीवन सफल रहता है।

सभी चाहते हैं कि सबके केश बड़े, घने, मुलायम हो तथा पास में अथाह कैश (धन) कोई भी इस संसार में केश या कैशलैस होना नहीं चाहता। विशेषकर महिलाओं को इन दोनों से अत्याधिक लगाव होता है।

बालों की बातों को लेकर आजकल सभी युवक-युवतियों के बीच चर्चा का विषय रहता है। जहां कुछ स्त्री-पुरुषों में ये समस्या है कि …

∆~ सिर के बाल क्यों झड़ते हैं?

∆~ बाल सफेद होने के क्या कारण है?

∆~ बाल झड़ने को रोकने के क्या उपाय हैं?

∆~ अचानक बाल झड़ने के क्या कारण हैं?

∆~ बाल जल्दी सफेद क्यों होते हैं?

∆~ कम उम्र में बाल झड़ने की वजह?

∆~ रूसी/डेंड्रफ से कैसे निजात मिले?

∆~ गंजापन से मुक्ति कैसे हो?

8000 हजार शब्दों के इस लेख में आप बाल की खाल तक निकालने वाली जानकारी से रूबरू होंगे- नीचे जानेंगे….

# पुरुषों में बाल झड़ने से रोकने के उपाय

# पुरुषों में बाल झड़ने के कारण

# बच्चों के बाल झड़ने के कारण

# बाल झड़ने की बीमारी किस विटामिन के कारण होता है

समझदारी से समझें-बालों की बीमारी की असली वजह क्या है?…

भारत में वाद-विवाद, बाल व वात-विकार और बाल विवाह बहुत बड़ी समस्या है। जिसमें बाल विवाह को, तो सरकार ने कंट्रोल कर लिया।

आयुर्वेद के पुराने ग्रन्थ भेषजयरत्नावली,

केशरोग निदान पुस्तकों में केश-झड़न, खालित्य-पालित्य के मुख़्य कारणों में

●रोगप्रतिरोधक क्षमता के कमजोर होने

●लगातार पेट या यकॄत की खराबी।

● मानसिक तनाव, बेवजह चिंता।

●अत्यधिक तनाव और विटामिन-प्रोटीन की कमी से सिर की जड़े कमजोर हो जाती हैं, जिससे धीरे-धीरे बालों के झड़ने-टूटने, रफ होने की समस्या शुरू होने लगती है।

रोज कितने बाल टूटना चाहिए….

लगातार रोज यदि 50 या 100 से ज्यादा बाल टूटे, तो आयुर्वेद में इसे पालित्य केश विकार बताया है। यही आगे चलकर खतरनाक खालित्य रोग यानि गंजपन का कारण बनता है।

दूसरी वजह यह भी है कि- आये दिन बिना जाने-परखे, सुनी-पढ़ी बातों में आकर नित्य नये घरेलू उपायों के कारण झड़ जाते हैं।

तीसरी वजह है- जल्दी फायदे के चक्कर में किसी भी उत्पाद का सोचे-समझे बिना उपयोग करना।

भारत सरकार ज्ञापन से और प्रजा

विज्ञापन से परेशान है…

आजकल 7 या 10 दिन में बाल बढ़ाने, गंजापन मिटाने के बहुत लुभावने विज्ञापन

जैसे-

@ एक ही रात में बाल झड़ने होंगे गारंटी से बंद

@ सिर के बाल झड़ने की शर्तिया दवा।

@ अब गंजे के सिर पर भी बल ऊग आएंगे-

@ दो दिन झड़े हुए बाल वापस आ सकते है।

@ नहीं झड़ेंगे बाल, करें ये 5 घरेलू उपाय

@ क्या आप बाल झड़ने से परेशान हैं?

@ बाल झड़ने से रोकने के लिए करें 6 घरेलू उपाय आदि के झांसे में ग्राहक उलझ जाता है।

वेवकूफी में बाल भी गए-माल (पैसा) भी गया….

जब तक खुद नहीं चेतोगे, जानोगे, तब तक ठगते रहोगे। ये बात पहले बुजुर्ग कहते थे।

व्यापार ने व्यक्ति के विश्वास का विनाश कर दिया….

वर्तमान समय में बालों की दवा की बहुत मांग बढ़ने से आये दिन कोई नया उत्पाद अखबार, टीवी, सोशल मीडिया पर आ जाता है।

ये विज्ञापन मीडिया या एजेंसी भी बिना जांच-,परख के विज्ञापन चलाकर लोगों को लूटने में सहयोग करती हैं। अमेरिका और विश्व के अनेक विकाशील देशों में मीडिया खुद ही जब तक किसी उत्पाद का परीक्षण नहीं करवा लेता, तब तक वह कोई भी ऐड या विज्ञापन नहीं छापता।

वहाँ की जनता को इतना विश्वास है कि किसी चेनल ने कोई विज्ञापन चलाया है, तो वह चीज 100 फीसदी शुद्ध-सटीक एवं कारगर होगी ही।

भारत देश का आदमी इन सबकी मांग नहीं करता, इसलिए बहुत सी कम्पनियां धुंआधार पब्लिसिटी कर माल बेचकर चलती बनती हैं।

ग्राहक भी इनके योग-घटक, फार्मूले देखे बिना खरीदकर अपने केशों का कचरा कर लेता है।

आयुर्वेद की सच्चाई-

आयुर्वेद के 100 से अधिक ग्रन्थ-किताबों में ऐसा कहीं भी ऐसा पढ़ने में नहीं आया कि- कोई भी ओषधि 10 से 15 में नए बाल उगाकर गंजापन दूर कर सकती हो। वह केवल बालों का झड़ना-टूटना बन्द कर सकती है, लेकिन हमें हर काम में जल्दबाजी है। शीघ्र फायदे के चक्कर में हम सदैव ठगते जाते हैं।

वृक्ष की तरह ही बढ़ते हैं-बाल…

किसी भी वृक्ष में आप जल्दी फल नहीं ला सकते, चाहें लाखों रुपये की खाद या केमिकल का उपयोग कर लें।

वृक्ष अपनी प्रवृति-प्रकृति अनुसार ही बढ़ेगा और फल देगा। अतः भ्रम व बहकावे से बचना चाहिए।

वात-पित्त-कफ को रफ होने से बचाता है-

वैसे भी आयुर्वेद का नियम है कि सबके शरीर की तासीर अलग-अलग होती है। कोई व्यक्ति पित्त प्रधान होता है, कोई वात और कोई कफ प्रधान प्रकृति का होता है। आयुर्वेद सर्वप्रथम वात-पित्त-कफ को सन्तुलित कर देह को त्रिदोष रहित बनाता है।

इसलिए किसी भी तरह की आयुर्वेदिक ओषधि 1 से 3 महीने रोग को जड़ से मिटाने में समय लेती है।

एक सामान्य बात है कि बाल जैसी बीमारी ७/सात या ८/आठ दिनों में कैसे ठीक हो सकती है। एक बात और ध्यान देने योग्य है कि यदि शरीर में अंदरूनी तकलीफ है अथवा कोई उदर विकार है, तो बालों का

विनाश होना ही है।

झड़ना-टूटना कभी रुक नहीं सकता।

मजबूत हों जड़े, तो क्यों बाल झड़े….

बालों की जड़ों को मजबूत बनाने से बाल कभी नहीं झड़ते। प्रदूषित वातावरण, दूषित भोजन के कारण भी किसी-किसी के सिर की त्वचा या खोपड़ी की स्किन भी रोगयुक्त होती है। उन्हें हमेशा लिवर टॉनिक अमृतम कीलिव स्ट्रांग सिरप भी लेते रहना चाहिए। यह पेट के रोगों से बचाव कर लिवर को मजबूत बनाने में सहायक है।

यदि देह में रोगप्रतिरोधक क्षमता परिपूर्ण न हो तथा प्रोटीन, विटामिन की कमी हो, तो मांसपेशियों, मसल्स और हड्डियों के अलावा स्किन और बाल से जुड़ी परेशानियां भी हो सकती हैं।

अपने बालों को दें-विटामिन…

बालों का लगातार कमजोर होना, टूटना या झड़ना भी शरीर की अन्य बीमारियों को दर्शाता है। विटामिन सी की कमी की वजह बालों में रूखापन बढ़ जाता है और जल्दी टूटने लगते हैं। इसके लिए आँवला श्रेष्ठ है। कुन्तल केयर हर्बल माल्ट आँवला मुरब्बा, हरीतकी, त्रिकटु, त्रिफला युक्त दवा है, जो बालों को बल देकर हर प्रकार की समस्याओं का अंत करने के लिए एक खाने वाला बेहतरीन उत्पाद है। यह लाल रक्त कोशिकाओं में लौह की पर्याप्त मात्रा को सन्तुलित करता है।

बाल झड़ रहे हैं तो लीजिये-

ये 7/सेवन आयुर्वेदिक अमृतम उत्पाद

【1】कुन्तल केयर हेयर स्पा हेम्प युक्त

सूखे बालों में लगाकर सूखने देंवें

【2】भृङ्गराज हेयर थेरेपी शेम्पो

स्पा लगाने के बाद बाद बाल धोने के लिए

【3】कुन्तल केयर हर्बल हेयर ऑयल

Kuntal Care Hair Oil

बालों को सुखाकर दूसरे दिन इसे इतना लगाएं कि जड़ें गीली हो जाएं। ध्यान रखें।बालों को ज्यादा कसकर न बांधें।

【4】कुन्तल केयर हर्बल माल्ट

Kuntal Care Malt

सुबह खाली पेट 1 से 2 चम्मच गुनगुने दूध दिन में केवल एक बार लेवें।

【5】अमृतम टेबलेट

रात को खाने से पहले 1 से 2 गोली सादे जल से केवल 1 बार लेकर आधे घण्टे बाद भोजन करें।

【6】कीलिव स्ट्रांग सिरप

दुपहर खाने से पूर्व 20 से 30 ml दवा एक गिलास पानी में डालकर पियें।

【7】 ब्रेन की गोल्ड टेबलेट

रात को सोते समय 2 गोली दूध से लेवें।

उपरोक्त दवाएं बालों को बचाने के लिए

बेहतरीन बलशाली योग है। इन्हें एक एक माह तक इस्तेमाल करके देखें।

सुबह से लेकर शाम तक खुद से प्रेम करो…ये नियम अपनाओ

!~ सबसे पहले सुबह उठकर अधिक से अधिक पानी, फिर चाय पीना हो, तो पीकर फ्रेश हों।

!!~ स्नान से पहले या बाद में जैसा मन हो। वैसे तंदरुस्ती के लिए ब्रेकफास्ट नहाने के बाद करना ठीक रहता है।

क्या लेवें- ब्रेकफास्ट में-

आहार जितना पौष्टिक होगा, शरीर उतना मजबूत एवं इम्युनिटी से लबालब होगा।

सुबह नाश्ते में मधु पंचामृत मिलाकर दूध,

मीठा दही, मूंग का पानी, पराठा, छाछ, फल, जूस, आइसक्रीम, गर्म भजिया, चॉकलेट, ब्रेड, पाव आदि कुछ भी हल्का या गरिष्ठ ले सकते हैं।

मैदा युक्त बाजार के नाश्ते से बचें।

दिन में भोजन कैसा हो –

लौंकी की सब्जी, तुरई की सब्जी, भिंडी, सभी तरह की सब्जी, मूंग, उड़द, अरहर की दाल, मीठा दही, पूड़ी, परांठा, मिस्सी रोटी लेवें।

पथ्य-अपथ्य यानिपरहेज-

रात में दही, सलाद, जूस, आइसक्रीम, मैदा युक्त भोजन, अरहर की दाल आदिन लें।

आयुर्वेद में मालिश का बहुत महत्व है-

सप्ताह में दो बार-अभ्यंग अवश्य करें…

विशेषकर बुधवार, शुक्रवार और शनिवार इन तीन दिनों में से कोई भी दो दिन मालिश के लिए निश्चित कर लें। इन दिन/वार में मालिश करने से मन अच्छा रहता है। शरीर में फुर्ती-ऊर्जा-उमंग का संचार होता है। महर्षि वाग्भट्ट की एक टीका में लिखा है कि उपरोक्त वारों में मालिश करने से व्यक्ति का भाग्योदय होता है।

चरक सहिंता के अनुसार…

अमृतम काया की तेल के अभ्यंग से सिर की हड्डियां ताकतवर होती हैं और ऑस्टियोकेल्सिन बढ़ता है। इसलिए इन वारों में सिर से तलवों तक अच्छी तरह अभ्यंग कर स्नान कर सके, तो तन-मन-अन्तर्मन के लिए अत्यन्त उचित रहेगा।

सुगन्धित तेल अमृतम “काया की ऑयल” के चमत्कारी लाभ-

रहस्यमयी शनि नामक पुस्तक में उल्लेख है- शनिदेव की प्रसन्नता के लिए शनिवार को शनि भगवान पर तेल अर्पित करें या नहीं करें। परन्तु हरेक मानव को शनिवार के दिन अपने शरीर पर तेल जरूर लगाना चाहिए। फिर स्नान करें।

शुक्रवार को चंदनादि, जैतून, बादाम, अमृतम कुंकुमादि तेल तथा गुलाब इत्र युक्त सुगन्धित Kaya key oil तेल की मालिश से धन-समृद्धि बढ़ती है।

तन्त्र रहस्य के मुताबिक….

शुक्रवार को किसी पुराने एकांतवासी जीर्ण-शीर्ण शिवलिंग पर 7 शुक्रवार नियमित सुगन्धित तेल के लेपन करने या तेल लगाकर राहु की तेल के 5 दीपक जलाने से महा भयंकर कष्टों का निवारण होने लगता है।

एक सम्पूर्ण विश्वास भरा उपचार…

यदि केशोपचार की सम्पूर्ण चिकित्सा 3 महीने नियमित आप करेंगे, तब कहीं जाकर 5 से 7 दिनों में बालों का झड़ना-टूटना बन्द होगा। लगभग 10 से 15 दिन बाद बालों से रूसी, डेंड्रफ, सूक्ष्म कृमि साफ होंगे।

यह सब उपाय करने के लिए बहुत धैर्य और विश्वास की जरूरत है। जल्दबाजी से सदैव केश को क्लेश बना ही रहेगा और भारी नुकसान ही होता है।

बाल झड़ने की दवा, उपाय, घरेलू उपचार योगासन आदि अनेक गलत-शलत जानकारियां सोशल मीडिया पर उपलब्ध हैं। सभी को अच्छी तरह जांच-परख लें, तभी भरोसा कर इलाज करें।

निर्बल होते- बालों का बल…

बालों का बेशुमार टूटना यह नवयुवतियों में तो आम है, लेकिन अब 20-22 साल की उम्र से ही नई उम्र के लड़के-लड़कियों में यह समस्या सामने आने लगी है।

होश उड़ाने वाली खोज…

विदेशी भी नतमस्तक हैं-अमृतम आयुर्वेद के सामने। अभी-अभी अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी (एएडी/AAD) के मुताबिक हम केवल बालों का इलाज करते हैं। पूरे शरीर का नहीं। महंगे तेल, साबुन, शेम्पू से बालों को बल नहीं मिलता। हमें प्राकृतिक ओषधियों खासकर हर्बल दवाओं से सम्पूर्ण शरीर का इलाज करना चाहिए।

वर्तमान दूषित वातावरण से बचने के लिए नियम से लिवर टॉनिक, आंवला मुरबा, हरीतकी आदि आयुर्वेदिक दवाएं लेना जरूरी है। जब तक तीन महीने सम्पूर्ण हर्बल चिकित्सा नहीं जाती, तब तक बालों की समस्या का अंत नहीं होगा।

अमेरिका में लगभग 8 करोड़ स्त्री – पुरुषों में बालों के झड़ने की वंशानुगत समस्या (एलोपेसिया) है। बाल झड़ने के तमाम कारणों में पेट की खराबी, दस्त साफ न होना, कब्ज बने रहना, पाचनतंत्र की खराबी, लिवर का सक्रिय न रहना, कमजोर मेटाबॉलिज्म, घटती इम्यूनिटी आदि हैं।

अमेरिकन हेयर लॉस एसोसिएशन की तरोताजा अनुसन्धान के मुताबिक अब प्रदूषण के कारण भी बाल तेजी से झड़ने लगे हैं।

अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि-

बालों का झड़ना-टूटना (हेयर लॉस), रूसी/डेंड्रफ और खालित्य/गंजापन कितना बड़ा मुद्दा होने के कारण बॉलीवुड की तीन फिल्मों की कहानियां बालों की समस्याओं को लेकर इसके इर्दगिर्द बुनी गई हैं।

देश-दुनिया में लगभग 10 पुरुष-स्त्री में से 6 को किसी न किसी रूप में बाल झड़ने यानि हेयर लॉस (Hair loss) की परेशानी से जूझना पड़ रहा है।

समझिए बालों का बीजगणित…

एक दिन में 50 और 100 बालों का झड़ना सामान्य है। सिर पर लगभग एक लाख बाल हैं और इतना बालों के झड़ना कोई चिंता की बात नहीं है। नए बाल सामान्य रूप से झड़े हुए बालों की जगह आ जाते हैं, लेकिन यह हमेशा नहीं होता। हेयर लॉस की समस्या या तो धीरे-धीरे यानी कुछ वर्षों में विकसित हो सकती है या अचानक भी ऐसा शुरू हो सकता है। हेयर लॉस स्थायी या अस्थायी हो सकता है।

रूसी का रोना-डैन्ड्रफ का डर….

बालों की यह बीमारी ऑटोइम्यून रोग से पीड़ित

होने से होती है। इसकी वजह इम्युनिटी लूज होना है।

त्रिदोष से शरीर का अंदरूनी सिस्टम या

ऑटोइम्यून गड़बड़ा जाता है, जिससे प्रतिरक्षा प्रणाली रोगों से लड़ नहीं पाती

और धीरे-धीरे शरीर में दूषित द्रव्य जमा होकर संक्रमित हो जाता है। भावनात्मक तनाव के कारण भी हो खोपड़ी में रूसी

की समस्या हो सकती है।

कुछ आयुष विशेषज्ञ मानते हैं कि-

शरीर में इम्युनिटी की कमी से

बाल, गाल, चाल, ढाल, खाल, ख्याल

और मस्तिष्क का मायाजाल का जादू बिखरने लगता है। अतः बीमारी नारी-कुंवारी को हो या ब्रह्मचारी को, इलाज की तैयारी न करने से यह महामारी बन जाती है।

रूसी-खोंची-झड़न मिटाए…..

सिर में मरी हुई त्वचा के कणों को रूसी

या डेन्ड्रफ कहते हैं।

यह केश विकार युवा पीढ़ी में अधिक पाया जाने लगा है। ज्यादातर युवक-युवतियों को यह पता नहीं होता कि उनके बालों में होने वाली रूसी तैलीय है या रूखी।

रूसी बालों की सबसे बड़ी शत्रु है।

इस केश विकार से चमक नष्ट होने

लगती है। बाल आकर्षण खो देते हैं।

बालों में कंघी करते समय रूसी बाहर निकलकर वस्त्रों पर गिरने लगती है।

यह खोपड़ी पर दाने या पपड़ी

के रूप में भी निकल सकती है।

यदि तुरन्त रूसी की सफाई न की जाए,

तो यह बाल निकलने वाले स्थान यानि रोमकूपों को बंद कर देती है।

रूखी, रूसी के कीटाणु अतिसूक्ष्म होते

हैं, जो सिर की खाल से चिपककर बालों

में छुपे रहते हैं। रूखी, रूसी से बालों में

बहुत खुजली होती है। बालों के झड़ने-

टूटने का आरम्भ यहीं से होता है।

तैलीय रूसी की पहचान है कि-

तेलीय ग्रंथि (सीबम) डेन्ड्रफ के

छोटे कणों से मिली होती है।

क्या वजह है-रूसी (डेन्ड्रफ) होने की…..

तन में तनिक सी भी तकलीफ होने पर तुरन्त अंग्रेजी दवाओं के सेवन से, नियमित नियम धर्म अव्यवस्थित होने से, दूषित भोजन खानपान करने के कारण वात-पित्त, कफ विषम होने लग जाता है।

त्रिदोष से शरीर का अंदरूनी सिस्टम या

ऑटोइम्यून गड़बड़ा जाता है, जिससे प्रतिरक्षा प्रणाली रोगों से लड़ नहीं पाती

और धीरे-धीरे शरीर में दूषित द्रव्य जमा होकर संक्रमित हो जाता है। भावनात्मक तनाव के कारण भी हो खोपड़ी में रूसी

की समस्या हो सकती है।

हेम्प युक्त कुन्तल केयर हर्बल हेयर स्पा बालों से रूसी को स्थाई रूप से खत्म करने के लिए प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार है।

बालों की बर्बादी-विश्व की विकराल बीमारी…..

वर्तमान काल में सन्सार असंख्य युवक-युवतियां केशरोग के क्लेश से कष्ट में हैं।

करोड़ों लोग चाहे स्त्री हो या पुरुष बाल झड़ने-टूटने, गिरने की समस्या से परेशान होकर अंदर ही अंदर टूटते जा रहे हैं।

हेम्प युक्त कुन्तल केयर हर्बल हेयर स्पा बालों से रूसी को स्थाई रूप से खत्म करने के लिए प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार है।

गंजपन की गाथा….

बालों की बीमारियां….

अलोपेसिया अरीटा (Alopecia areata) बालों की एक ऑटोइम्यून बीमारी….

बालों की यह बीमारी अत्यन्त चिंताजनक है।

इस खतरनाक केश विकार में

पीड़ितों के सिर के कुछ हिस्सों

में बालों का नहीं होना (स्पॉट बाल्डनेस)

को एक ऑटोइम्यून बीमारी के नाम से जाना जाता है। इस केश रोग में सिर के बीच वाले भाग से बाल झड़ जाते हैं। इस केशरोग में

हेम्प युक्त कुन्तल केयर स्पा लाभकारी है।

क्यों होता है-हेयर फॉल….

वैज्ञानिकों की रिसर्च के मुताबिक

अप्राकृतिक और भौतिक रसायनों, सिन्थेटिक केमिकल्स से निर्मित

हेयर ऑइल तथा शेम्पू के इस्तेमाल से

“हेयर फोलिकल”

(बाल उगाने वाली कोशिकायें)

तेजी से सिकुड़ने लगती हैं, जिससे बाल दिनों-दिन पतले,कमजोर होकर गिरने लगते हैं। सिर की त्वचा में रक्तसंचार न पाने के कारण हेयर फोलिकल इतने सिकुड़ जाते हैं कि सिर पर नये बाल निकलना स्थाई तौर पर बन्द होकर गंजापन आने लगता है।

यदि मरीज सिर के सभी बालों को खो देता है, रोग तो अलोपेसिया अरीटा टोटलिस कहा जाता है।

हेयर लॉस केवल स्कैल्प (खोपड़ी) पर मौजूद बालों को ही नहीं, पूरे शरीर को प्रभावित कर सकता है। हालांकि बुजुर्गों में एलोपेसिया ज्यादा होता है, लेकिन बच्चों में भी बालों के अत्यधिक झड़ने की शिकायत हो सकती है।

आमतौर पर, अलोपेसिया अरीटा के मामलों में सिर की त्वचा पर एक या एक से अधिक गोल धब्बे में बालों के झड़ने शामिल है।

अलोपेसिया अरीटा मोनोलोकुलरिस, में सर के बाल एक जगह पर झड़ जाते हैं। यह सिर में कही पर भी हो सकता हैं।

यदि शरीर के सभी बाल (जननांग के भी) मरीज खो देता हैं तो उस दशा में रोग की पहचान अलोपेसिया यूनिवर्सलिस के तौर पर की जाती हैं। अलोपेसिया अरीटा टोटलिस एवं यूनिवर्सलिस दुर्लभ किस्म के प्रकार हैं।

जब अलोपेसिया अरीटा से पीड़ित व्यक्ति के बालों को खींचा जाता हैं बहुत सारे बाल जड़ से निकल आते हैं।

बालों के झड़ने वाले क्षेत्र में झुनझुनाहट या दर्द हो सकता हैं एवं सारे बाल थोड़े ही समय के अंतराल में झड़ जाते हैं। सामान्यता जब

मजबूत जड़ वाले स्वस्थ बालों को खींचा जाता हैं तो बहुत कम ही बाल उखड़ते हैं।

हालांकि पुराने बाल झड़ना एव नवीन केश आना एक अच्छी बात है। यह बेहतरीन इम्यून सिस्टम की निशानी है।

लेकिन सामान्य से अधिक बहुत बाल झड़ रहे हैं, तो यह खतरे की घण्टी है। बाल झड़ने की वजह सबकी अलग-अलग हो सकती है जैसे-

# बालों के प्रति लापरवाही बरतना या

# बालों की सही देखभाल न करना,

# हर बार उत्पाद बदलना,

# तनाव, इन्फेक्शन,

# हार्मोन्स का असंतुलन,

# पोषक पदार्थों की कमी,

# अंग्रेजी दवाओं का दुष्प्रभाव आदि

# अधिक रसायनिक घटिया साबुन और

# शैंपू का प्रयोग आदि

कई कारण हो सकते है। इसके लिए

हेम्प युक्त कुन्तल केयर हेयर स्पा Hemp

बेहतरीन आयुर्वेदिक इलाज है।

जाने-केश झड़न के महत्वपूर्ण १५/पन्द्रह कारण जिससे हेयर लॉस होता है?….

जब बाल जड़ से गिरने लगते हैं और दोबारा नहीं उगते, तो इस स्थिति को खालित्य या हेयर लॉस कहते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है-चिंता, भय-भ्रम एवं मानसिक व्यथा- तनाव।

और भी वजह है-बाल झड़ने की…

【१】एलोपेसिया एरीट अर्थात एक ऑटोइम्यून बीमारी जो हेयर फॉलिकल्स पर हमला करती है।

【२】स्कैल्प इन्फेक्शन जैसे दाद-खाज।

【३】रूसी-डेंड्रफ, खुजली,

【४】गर्भावस्था या प्रसवकाल के समय

【५】गर्भनिरोधक दवाओं का उपयोग

【६】कम उम्र में मासिक धर्म अवरोध होना, बन्द हो जाना या मोनोपॉज

【७】ग्रन्थिशोथ यानि थायराइड की समस्या

【८】वात रोगों का झंझट

【९】कर्कट रोग यानि कैंसर

【१०】उच्च रक्त चाप/है बीपी

【११】लकवा, फालिस, गठिया

【१२】मानसिक अशांति, अवसाद/ डिप्रेशन

【१३】ह्रदय रोग-हार्ट प्रॉब्लम्स

【१४】अत्यधिक वजन कम होना

【१५】ज्वर, संक्रमण, तेज बुखार

अन्य कारणों में शामिल हैं –

अमेरिकन हेयर लॉस एसोसिएशन के मुताबिक, हेयर लॉस में स्टाइलिंग उत्पाद और उपकरण भी दोषी हैं। इनमें शामिल हैं– ब्लो ड्रायर्स, हीटेड कोम्ब, हेयर स्ट्रेटनर्स, कलरिंग प्रोडक्ट्स, ब्लीचिंग एजेंट्स, पर्म्स, रिलेक्सर्स।

नहाते के बाद बालों के झड़ने की शुरुआत होती है, जब कंघी का ज्यादा बाल पकड़ते हैं।

बालों के झड़ने की बीमारी पकड़ने, पर पाने के लिए परिवार का इतिहास पूछना भी हमारे आयुर्वेद के हिसाब से मरीज का परिहास करने जैसा है। आजकल इस समस्या के परीक्षण के लिए अनेक व्यवसायिक खोजें हो चुकी हैं, जिसकी इतनी जरूरत नहीं है। यह सब एक प्रकार से सन्तुष्टि के उपाय हैं। हम आपको ठगने से बचने की गुजारिश करते हैं।

कुछ विभिन्न परीक्षण की प्रक्रिया प्रस्तुत है-

© फिजिकल हेयर पुल टेस्ट, खून की जांच, मल-मूत्र परीक्षण, स्कैल्प बायोप्सी, लाइट माइक्रोस्कोपी आदि उलझनों में मत उलझो।

बाल तेरे रूप निराले-किसी के सफेद, किसी के काले-घुंघराले और किसी के सफाचट-दिवाला जैसे दिवाले यानि गंजे बनाये हैं ऊपर वाले ने।

पहले बुजुर्ग कहते थे बलशाली लोग ही बालों का लुफ्त उठाते हैं अर्थात जिनकी इम्युनिटी स्ट्रांग है उन्हीं के बाल बुढापे तक लम्बे, घने रहते हैं।

बालों की विचित्र व्यापारिक बीमारियां…

एक फालतू का भ्रम- ट्रैक्शन एलोपेसिया…

मुख्य रूप से बालों के ज्यादा खींचे जाने के कारण होता है। उदाहरण के लिए ऐसी कसी हुई या टाइट हेयरस्टाइल, जिससे बाल जड़ों से खिंचते हो, तो बाल झड़ते हैं।

भ्रम मिटायें–

अगर आपने अपनी दादी-नानी, चाची को या किसी बुजुर्ग महिलाओं को देखा होगा, वे अक्सर बालों की चोटी, जिसे चुटिया भी कहते हैं बहुत कसकर बांधती थी।

इस तरह की किसी भी बात पर ज्यादा भरोसा न करें। आयुर्वेदिक ग्रन्थ माधव निदान और भेषजयसार के अनुसार बालों को जितना कसकर बांधेंगे, जड़े उतनी ही मजबूत होंगी।

बालों की लम्बाई भी बढ़ेगी तथा मानसिक अशांति का प्रादुर्भाव नहीं होगा। तनाव मिटेगा। कसी हुई छोटी करने से मन शांत रहता है।

केवल मासिक धर्म के बाद बालों को ढीला बांधना ठीक रहता है। इसका सम्बन्ध भी दिमाग से है।

इस बारे में हम कभी नारी सौंदर्य माल्ट के लेख में विस्तार से बताएंगे कि माहवारी काल में ही क्यों बालों ज्यादा कसकर नहीं बंधन चाहिए।

बालों को झड़ने से रोकने के घरेलू उपचार

बिल्कुल न अपनाएं नाहीं करें…..

जैसे-अंडे की सफेदी ये प्रोटीन, खनिज और बी-कॉम्प्लेक्स के भंडार हैं जो बालों के लिए जरूरी हैं। सब फालतू की बाते हैं। यह सब

किसी विशेष धर्म को पथ भृष्ट करने की सोची समझी साजिश है। कुछ धर्म विशेष के लोग अंडे को छूना भी महापाप मानते हैं। अंडे को सिर पर लगाने का अर्थ है- अपने शिवलिंग रूपी सिर को खंडित करना। अंडा सिर पर लगाने से मनोबल कमजोर होता है। आत्मविश्वास क्षीण हो जाता है। मन अशांत रहता है। अतः भूलकर भी अंडे की सफेदी सिर में न लगाएं।

हमारे ऋषि-मुनि त्रिकालदर्शी थे। अंडा उस जमाने में भी उपलब्ध था। यदि अंडे में इतने गुण होते, तो वे इस उपाय को आयुर्वेदिक किताबों में जरूर लिखकर जाते।

केवल प्रकृति प्रदत्त जड़ीबूटियों से ही

बालों के विकास के लिए पोषक तत्व मिलते हैं और इससे बालों की जड़े मजबूत भी होती हैं।

हाँ जैतून तेल, बादाम, धनिया रस, अरण्ड तेल बहुत पतला होने की वजह से बालों के लिए मुफीद है।

घृतकुमारी/एलोवेरा-यह अमीनो एसिड और प्रोटियोलिटिक एंजाइमों से भरपूर ओषधि है, जो बालों को वृद्धिकारक है। बेहतर परिणाम के लिए इसे अरंडी के तेल और मेथी पाउडर के साथ मिलाकर सूखे बालों में लगाते हैं। परन्तु पित्त प्रधान वाले यह प्रयोग न करें।

आंवला: इसमें एंटीऑक्सिडेंट्स की उच्च सांद्रता होती है जो त्वचा कोशिकाओं के पुनर्जनन को बढ़ाती है। यह आपके स्कैल्प को कंडीशन करता है, भूरे बालों को कम करता है और हेयर वॉल्यूम बढ़ाता है। आंवला रूसी को भी कम करता है, इसलिए बालों को घना करता है। बेहतर परिणाम के लिए वेजिटेबल ऑइल, मेंहदी पाउडर, अंडा, पानी और दूध को आंवला के साथ मिलाया जा सकता है।

प्याज का रस यानी ओनियन केवल तेलीय, ज्यादा मुलायम बाल वाले लोगों को लगाना ही हितकारी है। यह कड़कपन लाता है।

इसके रोगाणुरोधी गुण मुलायम स्कैल्प को संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं।

ओनियन में डाइटरी सल्फर होता है। हम मानते हैं कि हमारा मस्तिष्क देह का सबसे पवित्र अंग है। यह अपवित्र न हो इसलिए कुन्तल केयर स्पा में

प्याज के रस की जगह अमृतम कम्पनी ने इसमें गुड़हल के फूल का रस मिलाया है, जो देवी माँ को अतिप्रिय होता है। यह प्याज के रस से भी ज्यादा असरकारक है। इसे संस्कृत में जवांकुसुम पुष्प कहते हैं यह बालों की जड़ों से एंटीऑक्सिडेंट गुण मुक्त कणों को हटाता है, जो कि-हेयर फॉलिकल्स के नुकसान को कम करते हैं।

इस कारण समय से पहले ही झड़ने लगते हैं…

बाल गिरने के कई अलग-अलग कारण होते है। … हो जाता है तो बीच बीच में बाल झड़ने लगते …

युवाओं में बढ़ रही है बाल झड़ने की …

05-Sep-2017 · पुरुष छोटी उम्र में ही गंजेपन के … झड़ने की समस्या, क्या है कारण …

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बाल झड़ने के कारण व उपाय

दही और नींबू का प्रयोग…

यह केवल रूसी के लिए किया जाता है। लेकिन कफ प्रकृति वाले और जिनके केश मुलायम हैं, उन्हें नहीं लगाना चाहिए।

दही और नींबू का मेल आपके बालों का झड़ना कभी नहीं रोकता। यह एक प्राकृतिक मॉश्चराइज़र के तौर पर उपयोगी है। सिर की त्वचा में उत्पन्न डैंड्रफ व रुखेपन को दूर करता है।

गर्म तेल से मालिश कभी न करें…

हमारा मस्तिष्क सदा गर्म रहता है। गर्म तेल सिर में लगाने से चिड़चिड़ापन आने लगता है।

वैसे बालों की चमक और मजबूती के लिए

कुन्तल केयर हर्बल हेयर ऑयल लगाएं। इसमें डाली गई ओषधियों की तासीर गर्म होती है।

यह बालों को पोषण देता है और प्रदूषित वातावरण में रूखी हवाओं से बालों की रक्षा करता है।

आखिर क्यों आती हैं कुछ औरतों को मूछें!

तेल पिपरमेंट और कपूर मिलाकर बनाएं-अमृतधारा….

अपने सिर और बालों को ठंडा रखने के लिए

कभी-कभा जब सिरदर्द या बेचैनी हो, तो अमृतधारा का उपयोग करें।

कर्पूर के ज्यादा उपयोग से गंजापन आने लगता है।

नीलगिरी तेल की भाप लेवें-

महीने में 1 या 2 बार 10 से 15 ML नीलगिरी तेल या कुन्तल केयर हर्बल सपा को खोलते गर्म पानी में डालकर भाप ले सकते हैं। यह प्राकृतिक नमी को लौटाने और बालों को मजबूत बनाने में मददगार है। यह स्कैल्प में मौजूद छेदों को खोलता है, ताकि वे ज्यादा नमी सोख सकें। इसके प्रयोग से भाप लेने से बालों का झड़ना रुकता है, बाल स्वस्थ होकर बढ़ते हैं और उनकी चमक भी बढ़ती है।

नीम, भृङ्गराज युक्त कुन्तल केयर हेयर आयल… यह खोपड़ी में खुजली और लालिमा पैदा करने वाली फफूंद (फंगस) के लिए एंटी-फंगल तेल है।

नीम और नारियल का तेल साथ मिलकर डैंड्रफ और सिर की त्वचा की खुजली को जड़ से मिटाता है। यह एक एंटीसेप्टिक रूप में प्रभावशाली है।

लोहे के पात्र में 2 घण्टे मिलाकर रखें-नीम, अनंतमूल आँवला काढ़ा, हल्दी, लौंग, दही, नीबू छिलका… इसका पेस्ट बालों में लगाकर 2 घण्टे तक सूखने देंवें। इससे सफेद बालों की समस्या भी कम होती है और बाल लंबे और खूबसूरत होने लगते हैं।

किताबों के किबाड़ खोलें, तो…..

@ वनोषधि विशेषांक,

@ जंगल की दुर्लभ जड़ी-बूटियाँ

@ आयुर्वेदिक केशोपचार

@-बालों की प्राकृतिक चिकित्सा आदि

पुस्तकों में भी केशनाशक ऐसे अद्भुत

इलाज हैं, जिनके उपयोग से दोमुहें होना बालों का झड़ना, टूटना, रूखापन, गंजपन, रूसी (डेन्ड्रफ) मानसिक अशांति आदि बहुत से केश विकारों को मिटाकर

बालों को काला, लम्बा, घना, मुलायम तथा चमकदार बनाया जा सकता है। इन घरेलू नुस्खों से हमेशा के लिए केशपतन बन्द हो जाता है।

प्राचीनकाल में महिलाएं अपने बालों को झड़ने-टूटने,गिरने से बचाने और जड़ों को

मजबूत बनाने के लिए देशी जड़ीबूटियों

से घर में बनाती थी- हेम्प हेयर स्पा…

यह सब शुद्ध ओषधियां गाँव और जंगलों

में पाई जाती हैं। यह ज्ञान भारत के

आदिवासियों, शहरियों, जंगल में वास

करने वाले लोगों के पास यह आज भी

उपलब्ध है।

२२ – जरूरी घटक-द्रव्य…

【१】त्रिफला

त्रिफला तीन फलों से बना एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक रासायनिक फॉर्मुला है।

यह बाल गिरने से रोकने तथा रूसी मिटाने

के लिए मददगार है।

इमोशनल इंटेलीजेंस को विकसित करता है

【२】हेम्प ओषधि

तनाव दूर कर नींद लाता है

【३】विभितकी,

बालों का झड़ना-टूटना, गिरना रोकने और बालों की वृद्धि के लिए चमत्कारी है।

【४】बादाम, बुद्धिवर्द्धक होता है।

【५】भृङ्गराज,

बालों का महाराज-भृङ्गराज

अकाल या कम उम्र में बालों का सफेदी से बचाने हेतु यह औषधि अत्यंत प्रभावी है । नए काले केश उगाने में सहायक।

【६】शिकाकाई,

बालों को झड़ने, कमजोर होने से रोके।

【७】हरश्रृंगार,

स्किल managment की सफलता में

यह विशेष उपयोगी। तनावरहित बनाता है

【८】गुड़हल पुष्प

गुड़हल पुष्प प्राकृतिक स्त्रोतों से

इनोसिटोल, पेंटोथेनिक एसिड, फोलिक एसिड पैरा अमीनों बेंजोइक एसिड की कमी पूरी करता है। स्वच्छतार्थ सन्देश वाहक है।

【९】नीम-रूसी,खोंची नाशक

【१०】रीठा-जड़ों से गन्दगी मिटाता है।

【११】मैथीदाना-मजबूती देता है।

【१२】लोंकी बीज-लम्बे बनाता है

【१३】मेहंदी,

में भरपूर पोषण होता है, जो बालों के लिए फायदेमंद है, इसलिए बालों में मेहंदी लगानी लाभकारी रहता है।

【१४】नारिकेल गरी-बालों को चमकदार बनाकर कला करता है।

【१५】नागरमोथा-

अनुचित केशों को उपयोगी बनाता है।

【१६】बालछड़ {जटामांसी}

सिर में खुले घूम रहे हजारों कीटाणुओं

कोमल विसर्जन (पाखाने) द्वारा बाहर निकालता है।

【१७】 सीताफल

बालों के दुष्कर्मियों को पकड़कर

केशधोवन से दूर करता है। सीताफल के पत्ते बाल झड़ने से खोपड़ी यानि स्कैल्प पर बन रहे हैं छोटे पैचेज, “एलोपेसिया एरेटा” आदि समस्याओं का अंत करने में उपयोगी हैैं।

【१८】हराधनिया,

【१९】हरीतकी

【२०】शमीपत्र,

【२१】प्याज का रस

【२२】निम्बू का छिलका-प्रदूषण नाशक।

【२३】शंखपुष्पी-

बालों को बिगाड़ने व वारदात करने वाले तन्तुओं को को नष्ट करने में सहायक है।

【२४】लौंग सडनरोधक है।

आदि अनेक रुखड़ियों को इकट्ठा करके

इन्हें कूटकर किसी मिट्टी के पात्र (घड़े) में

१६ गुना पानी मिलाकर 24 घण्टे

गलने छोड़ देती थी।

तत्पश्चात महिलाएं दूसरे दिन धीमी आँच

अर्थात मन्द-मन्द अग्नि में इसे 3 या 4 दिन

इसे तब तक उबालती थी, जब तक एक

चौथाई न रह जाए।

कैसे बनता है कुन्तल केयर हेयर स्पा

हर्बल स्पा निर्माण का घरेलू तरीका…

जब पानी एक चौथाई रह जाता एवं बहुत

गाद जैसा गाढ़ा,काढ़ा होने पर उसे 2 या

3 दिन तक ठंडा कर, छानकर काँच की

शीशी में भरकर रख लेती थी।

हेम्प युक्त हेयर स्पा के उपयोग का तरीका

रोज नहाने से पहले या बाद तथा

रात्रि में इस केशनाशक आयुर्वेदिक

काढ़े गाढ़े गाद (स्पा) को बालों की

जड़ों में हल्के-हल्के हाथ से,उंगलियों

के पोरों से लगाके सुखाया करते थे।

दूसरे दिन महिलाएं बिना साबुन-शेम्पो

के बाल धो लिया करती थी, फिर बाल

सुखाने के बाद कंघी की जाती थी ।

यह थी प्राचीन भारत की पुरानी परंपरा

व केश चिकित्सा। चाहे, तो आज की युवा

पीढ़ी, नवयोवनाएँ अपनी दादी, परदादी, नानी,परनानी,बुआ,ताई, मौसी, चाची या

गाँव की किसी बुजुर्ग महिलाओं से बेहाल

बाल बचाने का प्राकृतिक ज्ञान ले सकती हैं।

आदिकालीन आयुर्वेदिक उपचार..

हर घर,हर गाँव में इस हर्बल स्पा का

उपयोग प्रबुद्ध या अनपढ़ स्त्री, नवयौवना, महिलाएं, रानी-महारानी,पटरानी व पुरुष

सभी किया करते थे।

इसी हर्बल स्पा की वजह से ही

केरल एवं साउथ की महिलाओं के बाल

बहुत ही सुंदर,चमकीले तथा खूबसूरत

व घने, काले, लम्बे होते हैं।

बालों को हर-बल देता- हर्बल काढ़ा

ही वर्तमान युग का हेम्प युक्त हेयर स्पा है,

जिसे दुनिया में पहली बार अमृतम द्वारा

“कुन्तल केयर हर्बल हेयर स्पा” हेम्प युक्त

के नाम से तैयार किया है।

Kuntal Care Hair Spa with Hemp

Key Ingredients (Each 10ml contains)

Hemp Oil 1.1 ml, Bhringraj 500 mg, Amla 100 mg, Vibhitki 500 mg, Neel 100 mg, Brahmi 100 mg, Jawakusum 100 mg, Balchhad 100 mg, Nagar motha 100 mg, Shankhpushpi 20 mg, Seeta fal beej 100 mg, Long oil 0.1 ml, Jaitun oil 0.2 ml, Nilgiri oil 0.5 ml, Tulsi 10 mg, Methi 5 mg, Neem 5 mg, Doorba 10 mg, Kapoor kachhari 10 mg and Excipient Q.S.

Textbook Name: Bhav Prakash Nighantu

Authentic Ayurvedic Formulation. This Spa contains Hemp, Brahmi, Shankhpushi, Balchhad

रोज-रोज धोने का झंझट भी नहीं।

कुन्तल केयर स्पा लगाओ..

फिर सुखाकर काम पर निकल जाओ। कामकाजी महिलाओ के लिए अजूबा

है यह उत्पाद।

यह हर्बल स्पा बालों का झड़ना, टूटना, पतला होना रूस आदि की शिकायत तो दूर करता ही है साथ ही सोने से 1 घण्टे पहले लगाने पर माइग्रेन ओर अनिद्रा की तकलीफ को भी मिटाता है। यह आयुर्वेद की 5000 वर्ष से अधिक पुरानी किताबों के अनुसार निर्मित है।

तलाबों, हाथ-पैरों की जलन का सीधा सम्बन्ध हमारे मस्तिष्क से है कभी सोच है आपने।

जब मस्तिष्क में गर्मी शांत होगी, तो पूरे तन-मन को परम शांति का अनुभव होता है।

दिमाग को सकारात्मक और संतुलित बनाये रखने के लिए इसमें ब्राह्मी, जटामांसी, मेहदी आदि का मिश्रण किया है।

इसमें हेयर फॉल, हेयर लॉस और डेन्ड्रफ

के लिए काफी कारगर जड़ीबूटियों का समावेश है।

कुन्तल केयर में मिले कुछ जादूई हर्ब बालछड़, भृङ्गराज, विभितकी, हेम्प, आंवला और ब्राह्मी बालों की रीग्रोथ का बहुत उम्दा एजेंट है।

हेम्प युक्त कुन्तल केयर हाइपोएलर्जिक, बालों की जड़ों में सड़न, बदबू और सेंसेटिव स्किन बालों के लिए खास तौर पर तैयार किया गया है।

आप फीके-रूखे, चमकहीन, डल हो चुके बालों में जादू देखना चाहते हैं, तो ये आपके लिए बेहतरीन उत्पाद है।

हेम्प के बीज में 21 एमिनो एसिड होते हैं जिनका शरीर द्वारा निर्माण नहीं हो सकता है। इसलिए हेम्प के बीज एक सम्पूर्ण प्रोटीन है।

यह निम्न केश विकारों का नाशक है….

[] केश पतन, रूसी, रूखापन

[] जुंए-लीख पड़ना, संडान्ध

[] दोमुहें केश, पतला होना

[] बालों का झड़ना-टूटना,

आदि समस्याओं का अन्त…तुरन्त या

4 से 5 दिनों में दूर कर बालों की जड़ों

को मजबूत बनाकर यह ओषधि पूरी

तरह दिमाग को तनाव रहित कर देती है।

यह मानसिक शान्ति प्रदान करता है।

बालों की जड़ों को मजबूत करने वाला

हेम्प युक्त हर्बल हेयर सप्लीमेंट

अमृतम आयुर्वेद के प्राचीन शास्त्र

★-केशविकारम

★-केशधारणं

★-विपाक वा शक्ति

★-धन्वन्तरि निघण्टु आदि चिकित्सा

ग्रन्थों में भी वर्णित है।

हाइपोएलर्जिक, बालों की जड़ों में सड़न, बदबू और सेंसेटिव स्किन बालों के लिए खास तौर पर तैयार किया।

कुन्तल केयर हर्बल हेयर स्पा हेम्प युक्त के बेहतरीन 5 फायदे और नुकसान…

यह हेयर फॉल, हेयर लॉस और डैनड्रफ के लिए काफी कारगर जड़ीबूटियों का समावेश है।

कुछ जादूई हर्ब इसमें मिले हैं वह है बालछड़, भृङ्गराज इसके अलावा भी जो हर्ब इसमें हैं उनमें विशेष या स्पेशल हैं

विभितकी, हेम्प, आमला और ब्राह्मी। जो कि बालों की रीग्रोथ का बहुत उम्दा एजेंट है।

हेम्प युक्त कुन्तल केयर की विशेषता यह है कि- ये हाइपोएलर्जिक, बालों की जड़ों में सड़न, बदबू और सेंसेटिव स्किन बालों के लिए खास तौर पर तैयार किया गया है।

इसमें मिलाया गया मेलाटोनिन अच्छी नींद के लिए महत्वपूर्ण तत्व होता है।

■ बालों का झड़ना-टूटना तत्काल रोकता है।

■ मानसिक शांति प्रदाता है।

■ अनिद्रा को दूर करता है।

■ दिमाग को तनाव रहितं बनाता है।

■ खोपड़ी की मांसपेशियों को मजबूती देता है।

आप डल, फीके-रूखे, चमकहीन हो चुके बालों में जादू देखना चाहते हैं, तो ये आपके लिए बेहतरीन प्रोडक्ट है। ये बालों को देगा प्राकृतिक रंग-रूप या गाढ़ा ब्राउन रंग और बेहतरीन नरिशमेंट।

हेम्प के बीज में 21 एमिनो एसिड होते हैं जिनका शरीर द्वारा निर्माण नहीं हो सकता है। इसलिए हेम्प के बीज एक सम्पूर्ण प्रोटीन है।

बालों के लिए अधिकांश कृत्रिम उत्पाद अनेक हानिकारक केमिकल्स से भरे होते हैं, इसके बहुत से साइड इफ़ेक्ट होते हैं और यह आपके बालों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। अगर आप अपने सफ़ेद हो रहे बालों पर कलर करना ही चाहती हैं, तो एक बात हेम्प युक्त कुन्तल केयर हर्बल हेयर स्पा 2 से 3 माह तक अपने बालों की जड़ों में लगाकर 1 से 2 घण्टे तक सूखने देवें। तत्पश्चात सादे जल से बालों को धोकर सुखा लेवें। यदि आपको बालों में तेल लगाना अच्छा लगता है, तो कुन्तल केयर हर्बल हेयर ऑयल हल्के हाथ से, उंगलियों की पोरों द्वारा जड़ों में लगाकर, अमृतम भ्रंगराज हेयर थेरेपी से बाल धो लेवें।

हेम्प युक्त कुन्तल केयर में मैग्नीशियम होने

से यह नींद की समस्या को दूर करता है क्योंकि मैग्नीशियम सेरोटोनिन नामक केमिकल को रिलीज करता है जो मेलाटोनिन में बदलता है।

कुन्तल केयर हेम्प युक्त में असरदायक जड़ीबूटियों का मिश्रण

है। डेन्ड्रफ का दिवाला निकलने में माहिर है।

बालों की कंडिशनिंग और मजबूती के लिए कारगर प्रोडक्ट है। बालों को चमकदार बनाने के अलावा ये रूसी-खोंची, झड़ना हेयर लॉस की समस्या से भी छुटकारा दिलाएगा।

कुन्तल केयर हर्बल हेयर स्पा हेम्प युक्त

में इस्तेमाल की गई समस्त जड़ीबूटियां प्राकृतिक, नेचुरल तथा ओर्गेनिक हैं।

कुन्तल केयर हेम्प युक्त बालों को आवश्यक पोषण भी देता है। यदि आपके बाल रूखे- ड्राय हैं तो हम आपको बता दें कि ये बालों को नमी प्रदान यानि माइश्चराइज भी करता है। इस चमत्कारिक ओषधि के उपयोग के बाद शायद आपको कहीं कभी भटकना पड़े। गुग्गल पर सर्च करें amrutam

Kuntal care hair spa HEMP

पैकिंग-200 ग्राम कीमत: रू 1199/-

only online उपलब्ध

कोरोना से बचने का सर्वश्रेष्ठ इलाज है बेहतरीन
रोगप्रतिरोधक क्षमता।
■ इम्युनिटी बढ़ाने वाली आयुर्वेदिक
ओषधियाँ, क्वाथ, काढा जैसे-
●~अमृतम आयुष की क्वाथ,
●~ अमृतम फ्लूकी माल्ट
●~ अमृतम लोजेन्ज माल्ट
●~ अमृतम च्यवनप्राश
●~ त्रिकटु चूर्ण
●~ कीलिव स्ट्रांग सिरप
आदि दवाएं आपके स्वास्थ्य और
जीवनीय शक्ति  वृद्धि में सहायक होंगीं
इन दवाओं को ऑनलाइन ऑर्डर कर मंगवा
सकते हैं।
अमृतम ओषधियों की पर्सनल केयर,
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कोरोना का कोई इलाज है क्या? जाने
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आयुर्वेद की पहचान…
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जड़ीबूटियों के बारे में जाने..
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