Category: Amrutam Mythology & Indian Culture
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जाने इंसान का धर्म क्या है? जिन्दगी जीने के लिए जरूरी हैं-चार पुरुषार्थ। सर्वप्रथम धर्म के बारे में समझे !
आपको मालूम है कि- इंसान का पहला पुरुषार्थ क्या है- पार्ट -1 【भाग-1】 भगवान विष्णु ने जब सृष्टि रचना कि, तो मानव जाति के सुखी और सम्पन्न जीवन हेतु कुछ नियम-धर्म स्थापित किये थे। जिसमें धर्म-अर्थ-काम-मोक्ष इन चतुर्थ पुरुषार्थ के विषय में वेद-पुराण, ग्रंथो में इनका विस्तृत वर्णन है। सुखमय जीवन के लिए शास्त्रों में धर्म-अर्थ-काम-मोक्ष इन चार…
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अब एक्टिव आयुर्वेद का जमाना है….
हम आयुर्वेद की एक लाख पुरानी पध्दति को द्वारा खंगाल रहै हैं। हमने देखा कि प्राचीन काल में हमारी दादी, नानी, बुआ, मौसी, चाची, ताई, बड़ी अम्मा, छोटी अम्मा, आदि के बाल बहुत लंबे, घुंघराले, चमकदार, काले और सुंदर हुआ करते थे। कइयों के केश, तो अंतिम समय तक काले भी रहते थे। इन सब…
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भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति
शिव पुराण के अनुसार मुरलीवाला भी भोलेनाथ के परम उपासक था… श्रीकृष्ण का गुरुमंत्र भी शिवमन्त्र ही था। वह कौन सा गुरुमन्त्र था? यह लेख कभी विस्तार से किसी ब्लॉग में अलग से दिया जाएगा। फिलहाल शिवपुराण के अनुसार द्वारकाधीश की अटूट शिव भक्ति पढ़ें श्रीमद् भगवत्गीता में भगवान श्रीकृष्ण जी अर्जुन को परमहित, सर्वहित ऐश्वर्य की…
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शिवो भूत्वा शिवं यजेत् शिव हो जाओ
कैसे करे महाकाल को प्रसन्न……. जाने बहुत आसान उपाय “शिवो भूत्वा शिवं यजेत्”– अर्थात- शिव होकर ही शिव का पूजन कीजिये। शिव पूजन करते-करते ऐसा महसूस करें या अनुभव हो कि मैं शिव हो गया हूं। महादेव की अथवा अन्य देवताओं की पूजा करते समय उसी जैसे हो जाओ। इस समर्पण से की गई पूजा उपासना की सर्वोच्च…
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पुराने समय में रोग रहित रखने वाली…. बुजुर्गों की बातें
रोग रहित रहने के लिए एक कहावत है कि…… आंता-तीता दांता नोन, पेट भरन को तीन ही कोन आंख पानी, काने तेल, कहे घाघ बैदाई गेल। अर्थात – प्रतिदिन शुध्द ताजी हल्का गरम भोजन खाने से, दांतों में प्रतिदिन नमक लगाने से, (क्योंकि दांत हड्डी का एक हिस्सा है, हड्डी को नमक अति आवश्यक है) पेट को…
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शास्त्रों के अनुसार दान किस वस्तु का करना चाहिए……
इस लोक और परलोक में सुख प्राप्ति के लिए “चार दान” श्रेष्ठ बनाएं है – भीतेभ्यश्चाभयं देयं, व्याधितेभ्यस्तथौषधम्। देया विद्याथिने विद्या, देयमन्नं क्षुधातरे।। 1. भयभीत को अभयदान 2. रोगी को औषधिदान 3. विद्यार्थी को विद्यादान 4. और भूखे को अन्नदान। वेद-पुराणों में उपरोक्त 4 दान के अलावा सब व्यर्थ है। इनका कोई फल नहीं मिलता।…
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जीवन को सफल और सुखी बनाने वाली…… बीस सूक्तियां
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती.….. …
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झूठ का पुलिंदा हो गया है प्राणी
शिव सहिंता में लिखा है- सत्यं शिव सुंदरम सृष्टि में जो सत्य है, सच्चा है वही शिव है। सच्चाई में ही सुन्दरता है। सत्यं-शिवम-सुंदरम का यही भाव है। कलयुग का कलंक झूठहि लेना, झूठहि देना। झूठहि भोजन, झूठ चबैना।। वर्तमान में अधिकांश प्राणी सब प्रकार से असत्य का ही व्यवहार कर रहे है। इस कलियुग…
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क्या आप सुख-सपन्नता चाहते हो?
सुखी रहने के सूत्र हैं- संसार में ऐसी कोई वस्तु नहीं है जो हमें सदा सुखी रख सके। जब शरीर ही हमें सुख नही देता है, तो अन्य वस्तुओं से, विषयों और भोगों से सुख कैसे पा सकते है। जब हम पूर्णतः स्वास्थ्य नहीं रह सकते तो सुख कैसा?…
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जाने-वे 5 चीजे कभी भी अपवित्र नहीं होती ग्रंथों में इन्हें अपवित्र होने के बाद भी पवित्र बताया है।
मधु यानी शहद अशुद्ध होने के बाद भी पवित्र मन गया है। जाने-क्यों? “भूतेषु-भूतेषु विचित्य धीरा: ” – जैसे एक मधुमक्खी फूलों की क्यारी में जाकर प्रत्येक फूल से केवल उसका रस ग्रहण करती है। फूल का ज्यों…