Tag: अमृतमपत्रिका
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कच्ची हल्दी क्या होती है? इसके क्या उपयोग होते हैं?
कच्ची हल्दी के 25 लाजबाब फायदे… आयुर्वेद में हल्दी को हरिद्रा कहा जाता है। भावप्रकाश ग्रन्थ के अनुसार हल्दी की विभिन्न चीजे होती हैं- अम्बाहल्दी, दारुहल्दी, वनहल्दी आदि.. कच्ची हल्दी से अचार, बर्फी, लड्डू, रायता भी बनाते हैं कच्ची हल्दी कैसे पैदा होती है-देखें यह वीडियो… आयुर्वेद के अनुसार हल्दी के संस्कृत में श्लोक, विभिन्न…
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दूध के फायदे और नुकसान। कौनसा दूध सेहत के लिए लाभकारी होता है?… दूध पीने के 22 फायदे है।जो जानकर आप दूध से प्रेम करने लगेंगे।
संस्कृत में दूध को दुग्ध, क्षीर, पय:, पयस्, स्तन्य, बालजीवन और बल्यंजीवा नामों से जाना जाता है। निघण्टु के दुग्धवर्ग: में संस्कृत के एक श्लोकानुसार दुग्धं क्षीरं पय: स्तन्यं बलजीवनमित्यापि। दुग्धं सुमधुरं स्निग्धं वातपित्तहरं सरम्।। सद्य: शुक्रकरं शीतं सात्म्यं सर्वशारिरिकणाम्। जीवनँ बृहणम् बल्यं मेंध्यं बाजीकरं परम्।। दूध वात-पित्त करने वाला, नवीन शुक्र, वीर्य को उत्पन्न…
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च्यवनप्राश का ये फार्मूला पढ़कर घर पर भी बना सकते हैं-च्यवनप्राश। जाने 50 से ज्यादा हैरान करने वाले चमत्कारी फायदे…
एक लाजबाब इम्युनिटी बूस्टर, जो कोरोना जैसे संक्रमण से लड़ने में पूरी तरह सक्षम है। आयुर्वेदिक शास्त्रों में च्यवनप्राश की बड़ी महत्ता बताई गई है। यह एक ऐसा आयुर्वेदिक योग है, जो बच्चे से लेकर बूढ़े सबको सर्दी-खांसी, जुकाम, साइनस, वर्तमान कोरोना या ओमीक्रोन जैसे संक्रमण से बचाकर निरोगी बनाता है। ठंड के दिनों में इसके…
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आपको भगवान भोले नाथ (शिव) के किस मंदिर दर्शन की इच्छा सबसे अधिक होती है?
सन्सार में महादेव के अनेकों शिवालय हैं, लेकिन कुछ शिव मंदिरों में भयंकर एनर्जी ऊर्जा है, जिसका अहसास चौखट पर जाकर ही होता है। दुनिया में शिवभक्त और शिवालय दोनों विचित्र है। यह कलश मन्दिर रायपुर के पास दर्शनीय है। ऐसे ही कुछ ऊर्जावान मंदिरों में उत्तराखंड का केदारनाथ ज्योतिर्लिंग, थल केदार तथा पाताल भुवनेशर…
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संक्रांति का मतलब क्या है?…
संकल्प में सहायक है- मकर संक्रान्ति का उत्सव आध्यात्मिक ग्रन्थों शिवपुराण, शिवरहस्य, रुद्री, शिवतन्त्र आदि में यह वैदिक मयन्त्र अनेकों बार आया है- !!शिवः सङ्कल्प मस्तु!! अर्थात जिनकी संकल्प शक्ति मजबूत होती है, वे लोग शिव साधक होते हैं। ऋषि-मुनि कहते हैं कि शिव ही संकल्प है और हमारी इच्छा शक्ति का कारक भी शिव ही है।…
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समर्पण या आक्रमण दोनों में क्या सही है?..
अमृतमपत्रिका, ग्वालियर द्वारा साभार… शास्त्रों के मुताबिक शक्तियां तीन ही है। अध्यात्मिक शक्ति, आदिदैविक और भौतिक। महत्व तीनों का है। क्योंकि ये सभी ऊर्जावान, शक्तिप्रदाता हैं। प्रकृति का संतुलन इसी पर निर्भर है। शक्ति समर्पण में है-आक्रमण में नहीं। ईश्वर को सन्सार-सृष्टि की शक्ति का घोतक माना जाता है। क्योंकि वह सन्सार के लिए समर्पित…
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डेन्ट और आंत ये शरीर के मुख्य हिस्से है। इनको स्वस्थ्य कैसे रखें- जाने
अमृतमपत्रिका द्वारा 11 से अधिक आयुर्वेदिक ग्रन्थों से खोजे गए जाने 11/ग्यारह उपचार… स्वस्थ्य तन- स्वच्छ वतन के लिए जाने जरूरी बातें ब्रिटिश डेंटल जर्नल में प्रकाशित एक शोध में पाया कि दन्त समस्याओं से जूझ रहे लोगों में कोविड-19 के गम्भीर लक्षण अधिक पाए गए। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिसर्च में पाया कि मुख में…
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सफलता, समृद्धि-सम्पदा, धन बढ़ाने के लिए शुक्र को कैसे प्रसन्न करें?…
■ जन्मपत्रिका का शुक्र की स्थिति…. ■ दीपावली की रात दीपदान का क्या रहस्य है?… चांदी के छल्ले या अंगूठी के बारे में भय-भ्रम मिटाने वाली 73 रोचक और अदभुत जानकारी पढ़ें… ■ क्यों दीपावली उत्सव के कारक हैं-शुक्राचार्य?… ■ क्या चांदी पहनने से समृद्धि आती है? ■ क्या शुक्र ग्रह बिना रत्न के भी बलवान हो…
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पेट की सफाई कैसे रखें..
पेट खराबी, कब्ज, गैस की समस्या से होते हैं- 25 तरह के खतरनाक रोग…. आयुर्वेद की कभी भी कोई भी जड़ीबूटी, देशी दवा या घरेलू उपायों से हो सकता है-शहर्रिर को भारी नुकसान। अतः बिना जाने-समझे, सन्दर्भ ग्रन्थ पढ़े बिना कतई भरोसा न करें। आजकल गूगल पर अनेको भ्रमित करने वाली जानकारियों का भंडारण हो…
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तन-मन को संक्रमण और बीमारियों से बचाना है, तो सप्ताह में 2 बार मालिश-मसाज या अभ्यङ्ग अवश्य करें…शास्त्रमत यह ज्ञान पहली बार पढ़ें…
अभ्यङ्ग के अनुभव, चमत्कारी लाभ- अपने पूरे जीवन में शरीर की मालिश करने वाले डा॰ हरिकृष्णदास एम॰ ए॰ ने अपने अनुभवों में लिखा है कि संक्रमणों तथा बीमारियों से बचने के लिए मालिश अति आवश्यक उपक्रम है। स्वस्थ्य-प्रसन्न औऱ लम्बी निरोग जीवन के लिए सप्ताह में कम से कम एक से दो बार मसाज अवश्य…