42 बेहतरीन दुर्लभ बातें- १८ पुराणों से जाने…..देवी-देवताओं को जल्दी प्रसन्न करने का उपाय-

किस देवता को क्या पसंद है-

18 पुराण 18 देवी-देवताओं को
समर्पित हैं। इन सभी पुराणों में
18 प्रकार के देवताओं के बारे  में
उनकी शक्ति, पूजा-विधान, मन्त्र
आदि का विस्तार से वर्णन है।
शिवपुराण में शिव के विषय में
गहन ज्ञान लिखा है।
स्कन्ध पुराण में भगवान कार्तिकेय,
मोरगन स्वामी एवं मङ्गल
के बारे में विस्तार से बताया है।
श्रीमद देवीभागवत में माँ की लीलाओं
का उल्लेख मिलता है।
शिवपुराण के अनुसार
【1】शिव को जलधारा प्रिय है।
ऐसे ही सभी उपनिषद,
ब्राह्मण ग्रन्थ, भाष्य, धार्मिक ग्रन्थों में
विभिन्न जानकारियां उपलब्ध हैं।
【2】विष्णु को श्रृंगार बहुत भाता है।
【3】श्रृंगार और माँ को स्वर्ण-आभूषण प्रिय हैं।
【4】गायत्री को जाप प्रिय है।
【5】महाकाली को मन्त्र प्रिय हैं।
【6】श्रीगणेश को दूर्वा, मोदक प्रिय हैं।
【7】कार्तिकेय को अग्नि के दीपक, मोरपंख एवं युद्ध यंत्र प्रिय हैं।
【8】हनुमानजी को ध्यान प्रिय है।
【9】श्रीराम को भक्ति प्रिय है।
【10】श्रीकृष्ण को गीत वाद्य यन्त्र प्रिय है।
【11】सदगुरु को समर्पण प्रिय है।
【12】प्रथ्वी प्रकृति को पर्यावरण प्रिय है।
【13】सरस्वती को संगीत प्रिय है।
【14】महालक्षमी को हवन प्रिय है।
【15】 सूर्य को स्वास्थ्य प्रिय है।
【16】चन्द्रमा को स्त्री प्रिय है।
【17】मङ्गल को युद्ध-झगड़ा प्रिय है।
【18】बुध को अध्ययन-लेखन प्रिय है।
【19】शुक्र को शुद्धता, भौतिकता प्रिय है।
【20】शनि को संघर्ष प्रिय है।
21】राहु को पान, शक्ति अग्नि प्रिय है।
【22】केतु को सूर्य उपासना, पितृगण,
ब्रह्मचारी साधु, पशु-पक्षियों की सेवा
और नारियल जल प्रिय है
【23】नक्षत्रों को प्रकाश प्रिय है।
【24】माँ अन्नपूर्णा को भोजन, अन्न निर्माण प्रिय है।
【25】शेषनाग को वेदगान प्रिय है।
【26】क्षत्री को ताकत, शक्ति प्रिय है।
【27】ब्राह्मण को ज्ञान प्रिय है।
【28】वैश्यों को धन प्रिय है।
इसलिए धन-सम्पदा,लक्ष्मी के मामले में एक पुरानी कहावत भी है कि-महादेव का एक हाथ दुनिया पर और एक हाथ बनिया पर है।
【29】शूद्रों को अन्न-भोजन प्रिय होता है।
【30】श्वान को वफादारी प्रिय है।
【31】गाय को त्याग प्रिय है।
【32】बैल को धर्म और सेक्स प्रिय है।
【33】अश्व को स्फूर्ति, ऊर्जा प्रिय है।
【34】हाथी को चरित्र प्रिय है।
【35】शेर को न्याय का शिकार प्रिय है।
【36】लोमड़ी को चालबाजी प्रिय है।
【37】नाग को वायु प्रिय है।
【38】सर्प को आलस्य प्रिय है
【39】चूहे को चोरी प्रिय है।
【40】अघोरियों को परिवर्तन प्रिय है।
【41】अवधूतों को एकान्त प्रिय है।
【42】आकाश को घर्षण प्रिय है।
जिन सन्दर्भ ग्रंथो में उपरोक्त जानकारी
उपलब्ध या उल्लेख है उनके नाम और रचयिता..
18 पुराणों के साथ-साथ
रावण रचित- मंत्रमहोदधि, तांडव रहस्य
 रावण सहिंता
 भृगु सहिंता- महर्षि भृगु
 ज्योतिष ग्रन्थ
 जातक-परिजात
 स्त्री जातक
 भावप्रकाश निघण्टु आदि
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